Uncategorized

रुपया रिकॉर्ड ऑल टाइम लो पर आया: डॉलर के मुकाबले 17 पैसे गिरकर 83.62 पर बंद हुआ, इससे विदेशी चीजें खरीदना होगा महंगा

 

रुपया अपने रिकॉर्ड ऑल टाइम लो पर पहुंच गया है। गुरुवार (20 जून) को इसमें अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 17 पैसे की गिरावट देखने को मिली और यह 83.62 रुपए प्रति डॉलर के अब तक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। इससे पहले 16 अप्रैल 2024 को डॉलर के मुकाबले रुपया 83.61 के अपने सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ था।

 

गुरुवार को एक्सचेंज मार्केट में रुपया 83.43 पर खुला और 83.42 के दिन के उच्चतम स्तर को छू गया। इसके बाद सेशन के दौरान रुपया डॉलर के मुकाबले 83.68 के रिकॉर्ड ऑल टाइम निचले स्तर पर भी आया और अंत में पिछले बंद के मुकाबले यह 17 पैसे की गिरावट के साथ 83.61 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एक पैसे की गिरावट के साथ 83.44 पर बंद हुआ था।

डॉलर की बढ़ती मांग के कारण रुपए पर बढ़ रहा दबाव
रिसर्च ऐनालिस्ट अनुज चौधरी के अनुसार, अमेरिकी डॉलर की मजबूती के कारण रुपए में गिरावट आई है। शाम को 5.30 बजे डॉलर इंडेक्स 105 के पार कारोबार कर रहा था। एक्सपर्ट्स के अनुसार, डॉलर आउटफ्लो के कारण रुपए पर दबाव आया है। लोकल इंपोर्टर की ओर से डॉलर की डिमांड भी मजबूत हुई है।

इसके अलावा, जियो पॉलिटिकल क्राइसिस के बीच कच्चे तेल का भाव फिर से बढ़ने लगे हैं। इससे भारतीय रुपए पर दबाव बढ़ रहा है। वहीं, यूनियन कैबिनेट की तरफ से 14 खरीफ फसल के लिए MSP बढ़ाने, डॉलर की बढ़ती मांग, क्रूड ऑयल में तेजी जैसे फैक्टर्स डॉलर को मजबूत और रुपए को कमजोर कर रहे हैं।

इंपोर्ट करना होगा महंगा
रुपए में गिरावट का मतलब है कि भारत के लिए चीजों का इंपोर्ट महंगा होना है। इसके अलावा विदेश में घूमना और पढ़ना भी महंगा हो गया है। मान लीजिए कि जब डॉलर के मुकाबले रुपए की वैल्यू 50 थी तब अमेरिका में भारतीय छात्रों को 50 रुपए में 1 डॉलर मिल जाते थे। अब 1 डॉलर के लिए छात्रों को 83.40 रुपए खर्च करने पड़ेंगे। इससे फीस से लेकर रहना और खाना और अन्य चीजें महंगी हो जाएंगी।

करेंसी की कीमत कैसे तय होती है?
डॉलर की तुलना में किसी भी अन्य करेंसी की वैल्यू घटे तो उसे मुद्रा का गिरना, टूटना, कमजोर होना कहते हैं। अंग्रेजी में करेंसी डेप्रिशिएशन। हर देश के पास फॉरेन करेंसी रिजर्व होता है, जिससे वह इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन करता है। फॉरेन रिजर्व के घटने और बढ़ने का असर करेंसी की कीमत पर दिखता है।

अगर भारत के फॉरेन रिजर्व में डॉलर, अमेरिका के रुपयों के भंडार के बराबर होगा तो रुपए की कीमत स्थिर रहेगी। हमारे पास डॉलर घटे तो रुपया कमजोर होगा, बढ़े तो रुपया मजबूत होगा। इसे फ्लोटिंग रेट सिस्टम कहते हैं।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
NIFTY 50 
₹ 23,503.70  0.66%  
NIFTY BANK 
₹ 50,844.15  0.94%  
S&P BSE SENSEX 
₹ 77,155.79  0.00%  
RELIANCE INDUSTRIES LTD 
₹ 1,230.80  0.64%  
HDFC BANK LTD 
₹ 1,751.50  0.59%  
CIPLA LTD 
₹ 1,474.10  0.59%  
TATA MOTORS LIMITED 
₹ 785.55  1.51%  
STATE BANK OF INDIA 
₹ 794.05  1.70%  
BAJAJ FINANCE LIMITED 
₹ 6,512.00  0.72%  
BHARTI AIRTEL LIMITED 
₹ 1,533.00  0.51%  
WIPRO LTD 
₹ 561.20  0.73%  
ICICI BANK LTD. 
₹ 1,266.85  1.30%  
TATA STEEL LIMITED 
₹ 140.93  0.51%  
HINDALCO INDUSTRIES LTD 
₹ 651.95  0.60%