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गेमिंग इंडस्ट्री पर 28% GST लगाए जाने के बाद रियल-मनी गेमिंग सेक्टर में छंटनी का दौर शुरू

रियल-मनी गेम पर 28% टैक्स लगाने के जीएसटी काउंसिल (GST Council) के फैसले से स्किल गेमिंग इंडस्ट्री में नौकरियों को काफी नुकसान पहुंचा है। अर्न्स्ट एंड यंग (EY) और अमेरिका-भारत स्ट्रैटेजिक फोरम (USISPF) की ज्वाइंट रिपोर्ट में यह बात कही गई है। यह रिपोर्ट USISPF की तरफ से 12 कंपनियों के सर्वे के नतीजों पर आधारित है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वे में शामिल इकाइयां ऑनलाइन स्किल गेमिंग इंडस्ट्री से जुड़ी हैं, लेकिन उन्होंने अपने नाम का खुलासा करने से इनकार कर दिया। सर्वे में शामिल तकरीबन 4 कंपनियों ने कुल 50% एंप्लॉयीज की छंटनी की है, जबकि एक कंपनी को 50 पर्सेंट से भी ज्यादा लोगों की छंटनी करनी पड़ी। इसके अलावा, एक नई स्टार्टअप को अपना ऑपरेशन बंद करना पड़ा।

चार कंपनियों का कहना था कि उन्होंने हायरिंग बंद कर दी है, लेकिन किसी कर्मचारी को नहीं निकाला है। कुल मिलाकर, 10 कंपनियों को रोजगार पैदा करने के मामले में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘एक ऐसा सेक्टर जिसने 1,00,000 से भी ज्यादा रोजगार पैदा किया है और जिसमें आने वाले दिनों में इससे तीन ज्यादा रोजगार पैदा करने की संभावना थी, वहां छंटनी का मामला चिंताजनक है। यह जीएसटी में बदलाव के प्रतिकूल असर को दर्शाता है।’

रिपोर्ट के मुताबिक, टैक्स में बढ़ोतरी से इस सेक्टर को लेकर नेगेटिव सेंटीमेंट पैदा हुआ है और इस वजह से टैलेंट को बनाए रखने और कंपनियों के अधिग्रहण जैसी चुनौतियां भी पैदा हुई हैं। इससे पहले मनीकंट्रोल ने खबर दी थी कि मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL), हाइक (Hike) और स्पार्टन पोकर (Spartan Poker) ने खर्चों में कटौती करने के लिए हाल के महीनों में छंटनी की है, जबकि फैंटोक (Fantok), क्विजी (Quizzy), वन वर्ल्ड नेशनल (One World Nation) और स्ट्राइकर (Striker) ने अपना ऑपरेशन रोक दिया है और स्थायी रूप से बंद कर दिया है।

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