Defence stocks: लोकसभा चुनाव के नतीजे के अगले दिन यानी 5 जून से डिफेंस सेक्टर के शेयरों में जो तूफानी तेजी थी, उस पर अब ब्रेक लग गया है। ऐसा लग रहा है जैसे अब निवेशक मुनाफा वसूली के मूड में हैं। निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली करने के कारण डिफेंस शेयरों में 19 जून को बड़ी गिरावट आई। भारत डायनेमिक्स के शेयरों में 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई, जबकि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (बीईएल) के शेयरों में 5 प्रतिशत तक की गिरावट आई।
इसी तरह, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स, कोचीन शिपयार्ड और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स जैसे रक्षा जहाज निर्माण शेयर भी इंट्राडे में 3-5 प्रतिशत तक टूट गए। एस्ट्रा माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स, एमटीएआर टेक्नोलॉजीज, आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी, जेन टेक्नोलॉजीज, अवंतेल, पीटीसी इंडस्ट्रीज, सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया और वालचंदनगर इंडस्ट्रीज सहित अन्य डिफेंस स्टॉक 5.5 प्रतिशत तक गिर गए। हालांकि, डिफेंस सेक्टर में व्यापक बिकवाली के बावजूद पारस डिफेंस के शेयर ग्रीन जोन में कारोबार करते नजर आए।
डिफेंस शेयरों पर फोकस
बता दें कि डिफेंस शेयरों में 5 जून से तेजी आ रही है। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गठबंधन सरकार बनाने के लिए प्रमुख सहयोगियों से पर्याप्त समर्थन हासिल कर लिया है, जिससे मोदी की लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी हुई है। मोदी सरकार ने फंडिंग बढ़ाकर, डिफेंस बजट का विस्तार करके और रक्षा निर्यात बढ़ाकर रक्षा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया है। राजनीतिक निरंतरता और चल रहे आर्थिक सुधारों की संभावनाओं से उत्साहित निवेशकों ने इस क्षेत्र में पैसा लगाया और अब मुनाफावसूली कर रहे हैं।
इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा निर्यात बढ़ाने के एजेंडे पर फोकस किया है। उन्होंने बतौर रक्षा मंत्रालय दूसरे कार्यकाल में 2028-2029 तक 50,000 करोड़ रुपये से अधिक के रक्षा उपकरणों के निर्यात का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। बता दें कि नई सरकार के गठन के बाद जुलाई महीने में आम बजट पेश किया जाएगा। इस बजट में डिफेंस बजट पर फोकस रहने की संभावना है।