देश के आठ बड़े शहरों में जनवरी-मार्च तिमाही में 60 लाख रुपये तक की कीमत वाले सस्ते यानी किफायती घरों की बिक्री 4 फीसदी घटकर 61,121 यूनिट रह गई है। रियल एस्टेट आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली कंपनी प्रॉपइक्विटी के अनुसार, इसकी वजह कम सप्लाई और लक्जरी अपार्टमेंट की अधिक मांग है। ये आठ बड़े शहर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-दिल्ली, मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR), बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, पुणे और अहमदाबाद हैं।
प्रॉपइक्विटी के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कैलेंडर वर्ष की जनवरी-मार्च अवधि में 60 लाख रुपये तक की लागत वाले घरों की बिक्री 63,787 यूनिट रही थी। बिक्री में इस गिरावट के लिए किफायती घरों की कम सप्लाई प्रमुख कारण है।
बिल्डर्स का फोकस लग्जरी अपार्टमेंट पर
आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-मार्च 2024 के दौरान इन आठ शहरों में 60 लाख रुपये तक के नए घरों की सप्लाई घटकर 33,420 यूनिट रह गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 53,818 यूनिट थी। प्रीमियम आवासीय संपत्तियों की बढ़ती मांग को भुनाने के लिए बिल्डर्स लग्जरी अपार्टमेंट पेश करने पर अधिक फोकस कर रहे हैं। लग्जरी प्रोजेक्ट्स में लाभ मार्जिन भी अधिक है।
आंकड़ों के अनुसार, इस प्राइस कैटेगरी में आवास की बिक्री 2023 कैलेंडर ईयर में घटकर 2,35,340 यूनिट रह गई, जो इससे पिछले वर्ष 2,51,198 यूनिट थी। साल 2019 में, 60 लाख रुपये तक की कीमत वाले घरों की बिक्री 2,26,414 यूनिट रही थी। 2020 के कैलेंडर ईयर में कोविड महामारी के बीच इस प्राइस कैटेगरी में बिक्री घटकर 1,88,233 यूनिट रह गई थी। हालांकि, 2021 और 2022 में बिक्री में उछाल आया और यह क्रमशः 2,17,274 यूनिट और 2,51,198 यूनिट पर पहुंच गई। साल 2023 में बिक्री में फिर से गिरावट आई और यह पिछले वर्ष की तुलना में 2,35,340 यूनिट रह गई।