NSE के MD और CEO आशीष चौहान ने भरोसा जताया है कि बाजार में घरेलू निवेशकों का इनफ्लो आगे भी जारी रहेगा। अच्छे रिटर्न की वजह से से रिटेल निवेशकों का इक्विटी में निवेश लगातार बढ़ रहा है। करीब 10 करोड़ लोग आज मार्केट में निवेश कर रहे हैं। ये करीब 10 करोड़ लोग सीधे मार्केट से जुड़े हैं। हाल के दिनों में MF,NPS और EPFO के जरिए भी निवेश बढ़ा है। मार्केट में तेजी आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। शेयर मार्केट में वेल्थ क्रिएशन की संभावना ज्यादा है।
लॉन्ग टर्म निवेशक को फायदा हुआ है, समस्या ट्रेडर्स के साथ है
आशीष चौहान ने आगे कहा कि पिछले 10 सालों में सभी एक्सचेंज का मार्केट कैप करीब 5 गुना हो गया है। वेल्थ क्रिएशन की संभावना आने वाले दिनों काफी ज्यादा है। 10 करोड़ निवेशक जो करीब 20 फीसदी हाउस होल्डस हैं, मार्केट में सीधे निवेश कर रहे हैं। स्टॉक मार्केट जिस तरह का काम है इसमें उतार चढ़ाव होता है। लेकिन लॉन्ग टर्म निवेशक को फायदा हुआ है। समस्या ट्रेडर्स के साथ है और कई बार उन्हीं का नुकसान हो जाता है।
लगातार आ रहे हैं SME के IPO
NSE का IPO कब आएगा इस पर आशीष चौहान ने कोई कमेंट करने से इनकार कर दिया। लेकिन उन्होंने कहा कि SME के IPO लगातार आ रहे हैं। बाजार में विदेशी भागीदारी कम नहीं हुई है लेकिन अगर कुल मार्केट कैप का आंकड़ा देखे तो ये रीटेल पार्टिसिपेशन के मुकाबले कम है।
रिटेल निवेशक इस समय बाजार का किंग
आशीष चौहान के भरोसे की वजह क्या है। कैसे रिटेल निवेशकों का दबदबा बाजार में बढ़ता जा रहा है। इसकी पूरी कहानी बताते हुए सीएनबीसी आवाज के सुमित मेहरोत्रा ने कहा कि रिटेल निवेशक इस समय बाजार का किंग बन गया है। बाजार में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। इनकी हिस्सेदारी अब घरेलू MF से भी ज्यादा हो गई है। रिटेल निवेशक की कुल निवेश में 9.50 फीसदी हिस्सेदारी है। जबकि इसमें घरेलू MF की हिस्सेदारी 8.90 फीसदी है। वहीं, FIIs की हिस्सेदारी 11 साल में सबसे कम स्तर पर है। FIIs की हिस्सेदारी 18 फीसदी के नीचे फिसल गई है।
बाजार में निवेश का हिस्सा
बाजार में निवेश के हिस्से पर नजर डालें तो निवेश में प्रोमोटरों की हिस्सेदारी 32.7 फीसदी, FPIs की हिस्सेदारी 17.9 फीसदी, सरकार की हिस्सेदारी 11.2 फीसदी, घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी 9.5 फीसदी, घरेलू MF की हिस्सेदारी 8.9 फीसदी, विदेशी प्रोमोटरो की हिस्सेदारी 8 फीसदी, बैंक, FIIs और इंश्योरेंस की हिस्सेदारी 5.6 फीसदी और अन्य की हिस्सेदारी 6.1 फीसदी है।
SIP बने रिटेल की ताकत
वित्त वर्ष 2022 में SIP के जरिए 1,24,566 करोड़ रुपए का निवेश हुआ। वहीं, वित्त वर्ष 2023 में SIP के जरिए 1,55,972 करोड़ रुपए का निवेश हुआ था। वित्त वर्ष 2024 में SIP के जरिए 1,99,219 करोड़ रुपए आए है। जबकि वित्त वर्ष 2025 में अब तक SIP के जरिए 41,275 करोड़ रुपए का निवेश हो चुका है। देश में डिमैट खातों का बाढ़ आ गई है। मार्च 2022 में देश में डिमैट खातों की संख्या 8.97 करोड़ थी जो मार्च 2023 में बढ़कर 11.45 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। मार्च 2024 में देश में डिमैट खातों की संख्या 15.10 करोड़ रुपए पर पहुंच गई।