वार्डविजार्ड इनोवेशन्स एंड मोबिलिटी लिमिटेड (WIML) का शेयर प्राइस सोमवार सुबह 09:35 बजे बीएसई (BSE) पर 20 प्रतिशत बढ़कर 62.71 रुपये पर पहुंच गया और इसी के साथ कंपनी के शेयरों में अपर सर्किट लग गया।
भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन (EV) कंपनी वार्डविजार्ड इनोवेशन्स एंड मोबिलिटी अपनी Joy e-bike के लिए जानी जाती है। कंपनी ने कहा कि उसे फिलीपींस की कंपनी बीलाह इंटरनेशनल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (BEULAH) से 1.29 बिलियन डॉलर का ऑर्डर प्राप्त किया है।
इसी के साथ बीएसई पर 47.2 लाख इक्विटी शेयरों के हाथ बदलने से काउंटर पर एवरेज ट्रेडिंग वॉल्यूम दोगुना से ज्यादा हो गया। आंकड़ों के अनुसार, एक्सचेंज पर 65.4 लाख शेयरों के खरीद ऑर्डर पेंडिंग पड़े हुए है।
वार्डविजार्ड इनोवेशन्स एंड मोबिलिटी ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, समझौते के मुताबिक फिलीपींस की मार्केट के लिए अपने मौजूदा इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया मॉडलों के साथ नए चार पहिया कमर्शियल वाहन तैयार किए जाएंगे।
बता दें कि Joy e-bike ब्रांड के तहत कारोबार करने वाली वार्डविजार्ड इनोवेशन्स भारत की अग्रणी ऑटो निर्माण कंपनियों में से एक है। कंपनी के पोर्टफोलियो में 10 से ज्यादा मॉडल हैं, जो हाई और कम स्पीड दोनों श्रेणियों में हैं। कंपनी ने भारत के 400 से ज्यादा प्रमुख शहरों में अपनी मजबूत उपस्थिति स्थापित की है और इस संख्या को पूरे देश में बढ़ाने की योजना बनाई है।
कंपनी की वर्तमान उत्पादन क्षमता सालाना 4 से 6 लाख दोपहिया और 40,000 से 50,000 तिपहिया वाहनों की है। 10,800 करोड़ रुपये के मूल्य वाले इस ऑर्डर को कंपनी तीन वर्षों में पूरा करने की उम्मीद जताई है।
RPConnect ग्रुप के समर्थन वाली और फिलीपींस में स्थित BEULAH, स्थिरता और रिन्यूएबल एनर्जी में विशेषज्ञता वाली एक अग्रणी पूर्ण-सेवा व्यापार एकीकरण कंपनी है।
भारतीय सरकार की नीतियाँ जैसे राष्ट्रीय विद्युत गतिशीलता मिशन योजना 2020, हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों का तेजी से अपनाने और निर्माण (FAME), और उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन उद्योग के लिए सहायक रहे हैं। दूसरी ओर, EV उद्योग चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और बैटरी स्वैपिंग की दिशा में काम कर रहा है ताकि गतिशीलता के विद्युतीकरण को तेज किया जा सके।
इंडिया एनर्जी स्टोरेज एलायंस (IESA) के अनुमानों के अनुसार, भारत का EV बाजार 2021-2030 की अवधि में 49 प्रतिशत की संयुक्त वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ सकता है। इससे 2030 तक सालाना बिक्री एक करोड़ तक पहुंच जायेगी।