भारी-भरकम कर्ज के बोझ से दबी टेलीकॉम कंपनी वोडा आइडिया (Voda Idea) को 14 हजार करोड़ रुपये का लोन मिलने वाला है। एसबीआई की अगुवाई में लेंडर्स के एक कंसोर्टियम ने इसकी मंजूरी दे दी है। मनीकंट्रोल को इसकी जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है और अभी तक इसका आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है। वोडाफोन आइडिया को लोन की मंजूरी के बारे में पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बाकी सरकारी-प्राइवेट बैंकों से अनौपचारिक तौर पर इसकी जानकारी दे दी गई है। सूत्रों के मुताबिक वोडाफोन आइडिया को किश्तों में फंड जारी किया जाएगा। इन पैसों का इस्तेमाल ऑपरेशनल क्रेडिटर्स का कर्ज चुकाने, 5जी नेटवर्क चालू करने और अतिरिक्त स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने में किया जाएगा।
इतना फंड जुटाने की कोशिश में है Voda Idea
सूत्रों के मुताबिक एफपीओ की सफलता के बाद से वोडाफोन आइडिया 25 हजार करोड़ रुपये जुटाने के लिए आक्रामक तरीके से कोशिशें कर रही है। एफपीओ के जरिए वोडा आइडिया ने 18 हजार करोड़ रुपये जुटाए थे। वोडा आइडिया के सीईओ अक्षय मूंदड़ा ने अर्निंग्स कॉल में 17 मई को खुलासा किया था कि बैंक चाहते हैं कि लोन लेने से पहले कंपनी इक्विटी जुटाए। कंपनी का प्लान 25 हजार करोड़ रुपये जुटाने का है और 10 हजार करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त नॉन-फंड बेस्ड फैसिलिटीज जुटाने की है। वोडाफोन आइडिया पर बैंकों का 40 हजार करोड़ रुपये बकाया था जो अब घटकर 4 हजार करोड़ रुपये रह गया। एफपीओ के जरिए फंड जुटाने के बाद कंपनी ने बैंकों से लोन देने को कहा। इस पर अब बैंकों के कंसोर्टियम ने मंजूरी दे दी है।
8 मई को वोडा आइडिया के शेयरहोल्डर्स ने आदित्य बिड़ला ग्रुप से प्रिफरेंशियल बेसिस पर 2075 करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश को मंजूरी दी थी। इसके अलावा वर्ष 2022 में वोडाफोन ग्रुप और आदित्य बिड़ला ग्रुप से इसने 494 करोड़ रुपये की प्रिफरेंशियल इक्विटी जुटाई थी। दोनों प्रमोटर ग्रुप से वोडा आइडिया ने मार्च 2022 से मई 2024 के बीच 7 हजार करोड़ रुपये जुटाए थे।
सिर्फ फंडिंग से ही सुधर जाएगी वोडा आइडिया की सेहत?
बर्न्स्टीन के एनालिस्ट्स ने मनीकंट्रोल को बताया कि फंडिंग का इस्तेमाल वोडा आइडिया 4जी नेटवर्क के विस्तार और 5जी सर्विसेज को लाने, छोड़कर जा रहे सब्सक्राइबर्स को रोकने में करेगी। हालांकि ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि सिर्फ फंड जुटाने से ही वोडा आइडिया की गाड़ी पटरी पर नहीं आएगी बल्कि इसे अपने कारोबारी को टिकाऊ बनाने के लिए टैरिफ हाईक जैसे फैसले भी लेने होंगे। जेएम फाइनेंशियल के मुताबिक इसे प्रति यूजर औसतन रेवेन्यू (ARPU) को वित्त वर्ष 2027 तक 320-360 रुपये तक ले जाना होगा जो मार्च 2024 तिमाही में 146 रुपये पर था। ARPU बढ़ेगा, तभी यह वित्त वर्ष 2027-31 के बीच सरकर को सालाना 35 हजार-43 हजार करोड़ रुपये चुका पाएगी। इसके अलावा कंपनी को सरकारी राहत की भी जरूरत पड़ेगी, चाहे बकाए को इक्विटी में बदलने के रूप में मोरेटोरियम के विस्तार के रूप में।