मार्केट इस समय ऑल टाइम हाई के काफी करीब चल रहा है। ऐसे में निवेशक हाई वैल्यूएशन पर शेयरों की खरीदारी कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ घरेलू फंड मैनेजर्स जो आमतौर पर कंजर्वेटिव रहते हैं, वे भी ऐसे शेयर खरीद रहे हैं जो पिछले 15 महीने में 100 फीसदी से अधिक उछल चुका है। ऐसे में सवाल उठता है कि जिस शेयर ने 15 महीने में ही पैसे डबल किए, उसके वैल्यूएशन को लेकर फंड मैनेजर क्यों फिक्र नहीं कर रहे हैं। यहां बात हो रही है सुदर्शन केमिकल (Sudarshan Chemical) की। 7 जून को एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ने इसके 10 लाख शेयर 778.10 रुपये के भाव पर खरीदे जो कंपनी की 1.4 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है। यह शेयर फरवरी 2023 से ही चढ़ रहा है जब यह 350 रुपये के करीब था।
Sudarshan Chemical पर क्यों है इतना भरोसा
यह पहली बार नहीं है जब एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ने सुदर्शन केमिकल के शेयरों की खरीदारी की। इससे पहले भी इसने फरवरी में भी सुदर्शन केमिकल के 91.26 करोड़ रुपये के शेयर 513.99 रुपये के औसत भाव पर खरीदे जो कंपनी की 2.6 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर थे। एनालिस्ट्स के मुताबित यह खरीदारी इस उम्मीद से हो रही है कि केमिकल इंडस्ट्री में अच्छी तेजी आ रही है और सुदर्शन केमिकल की वैश्विक पिगमेंट्स मार्केट में स्थिति सुधरी है और इसने हाल ही में अपनी कैपेसिटी भी बढ़ाई है। दुनिया के सबसे बड़ी पिगमेंट कंपनी ने दिवालिया होने के लिए याचिका दायर की जिससे सुदर्शन के लिए आगे बढ़ने का रास्ता साफ हो गया। एनालिस्ट्स के मुताबिक शेयरों की ताबड़तोड़ तेजी के बावजूद इसकी फेयर वैल्यू मार्केट प्राइस से कम है जिसके चलते इसमें एचडीएफसी म्यूचुअल फंड अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रही है।
ब्रोकरेजेज का क्या है रुझान
दुनिया की सबसे बड़ी पिगमेंट कंपनी जर्मनी की Heubach ने अप्रैल में दिवालिया याचिका दाखिल की थी। इसके अलावा कनाडा की पिगमेंट एमएनसी ने भी 10 करोड़ डॉलर से अधिक के सेल्स वाली अपनी फैसिलिटी को बंद कर दिया। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट संजेश जैन के मुताबिक कुछ बड़ी कंपनियों का दूसरी कंपनियों में विलय हो रही हैं जिससे इंडस्ट्री में कंसालिडेशन बढ़ा है। एलकेपी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट संदीप अभांगे का कहना है कि वैश्विक पिगमेंट इंडस्ट्री में इस उथल-पुथल से सुदर्शन केमिकल्स के लिए नए मौके बने हैं जो दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी थी।
संजेश के मुताबिक एक और अहम बात ये है कि जो कंपनियां दिक्कतों से जूझ रही हैं, वे जो प्रोडक्ट्स बनाती थीं, उसमें से 80 फीसदी प्रोडक्ट्स सुदर्शन केमिकल के पोर्टफोलियो में भी है यानी कि इसके पास तगड़ा मौका है। एक और ब्रोकरेज फर्म शेयरखान का कहना है कि पिगमेंट डिमांड में रिकवरी, लागत में कमी के साथ-साथ माल-भाड़े में कमी से वित्त वर्ष 2025-26 में सुदर्शन का रेवेन्यू और मार्जिन और बेहतर होगा। शेयरखान का कहना है कि हाल में कंपनी ने 750 करोड़ रुपये का कैपेक्स पूरा किया है और यह नई कैपेसिटी जोड़ रही है। मीडियम से लॉन्ग टर्म में इसकी देश-विदेश में ग्रोथ शानदार दिख रही है।
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