शेयर बाजार 7 जून को नई ऊंचाई पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी अपने रिकॉर्ड से 30 अंक नीचे पर बंद हुआ। चुनाव नतीजों के दिन यानी 4 जून को शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई और इससे निवेशकों को 30 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। हालांकि, अगले तीन दिनों में इस गिरावट की पूरी भरपाई हो गई। रिजर्व बैंक का ऐलान अनुमान के मुताबिक रहने और एनडीए सरकार के गठन को लेकर चीजें साफ होने के बाद बाजार ने रिकवरी की।
कोटक सिक्योरिटीज के अमोल अठावले का मानना है कि मार्केट का फॉर्मेशन पॉजिटव है और तात्कालिक तौर पर ज्यादा खरीदारी की वजह से निफ्टी में सीमित दायरे में गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। उन्हें निफ्टी के लिए 23,000-22,800 के लेवल पर सपोर्ट की उम्मीद है, जबकि ऊपर सीमा 23,500 और 23,700 रहेगी। उन्होंने गिरावट पर खरीदारी और तेजी पर बिक्री की सलाह दी।
एक और ब्रोकरेज फर्म एंजेल वन (Angel One) का कहना है कि तेजी के अगले दौर से पहले निफ्टी में कुछ कंसॉलिडेशन देखने को मिल सकता है। उनके मुताबिक, ऊपर की तरफ ऊपर की तरफ 23,500 के लेवल पर रेजिस्टेंस देखने को मिल सकता है। HDFC सिक्योरिटीज के नागराज शेट्टी का मानना है कि निफ्टी में 23,300 से 23,500 के रेजिस्टेंस से कुछ गिरावट देखने को मिल सकता है। हालांकि, शॉर्ट टर्म पॉजिटिव बना रहता है। उनहोंने गिरावट को खरीदारी के मौके की तरफ इस्तेमाल करने की मांग की। तात्कालिक
निफ्टी बैंक को अंडरपरफॉर्मर कहा जा सकता है, क्योंकि इस इंडेक्स ने अब तक 1 जून की तेजी के लेवल की भरपाई नहीं की है। LKP सिक्योरिटीज के रूपक डे ने बताया कि निफ्टी बैंक ने डेली चार्ट पर बुलिश पैटर्न बनाया है, जिसमें शेयरों की खरीद में दिलचस्पी की तरफ इशारा किया गया है। निफ्टी बैंक के लिए 50,500 का लेवल अहम रेजिस्टेंस है, जबकि 49,200 अहम सपोर्ट लेवल के तौर पर काम करेगा।