टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायूड की आंध्र प्रदेश में सरकार बनने जा रही है। उनकी पार्टी केंद्र की एनडीए सरकार की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। इससे राज्य की इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री की उम्मीद बढ़ गई है। दरअसल, आंध्र के पूर्व मुख्यमंत्री नायडू को राज्य में आईटी क्रांति का श्रेय जाता है। माना जा रहा है कि अब आंध्रप्रदेश को केंद्र सरकार से पूरा सपोर्ट मिलेगा। उन्हें सरकार से प्रोजेक्ट के क्लियरेंस के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इससे राज्य में देशी और विदेशी इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की दिलचस्पी बढ़ेगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री का नायडू पर काफी भरोसा
इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू ने कहा कि नायडू को मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंड्स्ट्री का भरोसा हासिल है। 2013-14 में नोकिया के असलफल होने के बाद वह हमारी इंडस्ट्री के लिए प्रेरणा के बड़े स्रोत थे। 2014-2018 के दौरान आंध्र प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री के मामले में काफी आगे था। फिर से उसके इस इंडस्ट्री के बड़े केंद्र के रूप में उभरने की उम्मीद है।
राज्य में चार मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर्स
पिछले कुछ सालों में आंध्र में इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री की ग्रोथ अच्छी रही है। यह कई इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्टरिंग कलस्टर्स शुरू हुए थे। अभी राज्य में चार इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर्स हैं। इनमें से दो तिरुपति में हैं, एक श्री सिटी में है और एक कोप्पार्थी में है, जिसे वायएसआर ईएमसी कहा जाता है। तिरुपति ईएमसी में जिन कंपनियों को सेवाएं मिल रही हैं, उनमें Wingtech, Dixon, Neolync, Sunny Opotech, Karobnn शामिल हैं।
बड़े निवेश आने की उम्मीद
इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री के सीनियर एग्जिक्यूटिव ने कहा कि बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों ने आंध्र प्रदेश के ईएमसी में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि अब आंध्र प्रदेश सप्लाई चेन और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में निवेश अट्रैक्ट कर सकेगा। पिछले साल तिरुपति ईएमसी को 10,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव मिले थे। ये प्रस्ताव इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के लिए थे। एनालिस्ट्स का कहना है कि राज्य का इंफ्रास्ट्रक्चर अब बड़े सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन को भी सपोर्ट करेगा।