Wipro Share Price: आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी विप्रो को कम्यूनिकेश सर्विस मुहैया कराने वाली अमेरिका की एक दिग्गज कंपनी से 50 करोड़ डॉलर (4172.98 करोड़ रुपये) का बड़ा ऑर्डर मिला है। इसका खुलासा ही शेयरों को खरीदने की होड़ मच गई। ताबड़तोड़ खरीदारी के चलते विप्रो के शेयर शुरुआती कारोबार में 5 फीसदी से अधिक उछल गए। इस तेजी का कुछ निवेशकों ने फायदा उठाते हुए मुनाफावसूली की लेकिन भाव अधिक नीचे नहीं आ पाए। फिलहाल यह 5.26 फीसदी की बढ़त के सात 485.25 रुपये पर है। इंट्रा-डे में यह 5.34 फीसदी उछलकर 485.60 रुपये की तक पहुंचा था।
लेकिन Wipro को मिले ऑर्डर पर ब्रोकरेज नहीं पॉजिटिव
विप्रो को अमेरिकी कंपनी से 5 साल के लिए 50 करोड़ डॉलर का तगड़ा ऑर्डर मिला तो शेयर 5 फीसदी से अधिक उछल गए। इसके बावजूद ब्रोकरेज इसमें निवेश को लेकर पॉजिटिव नहीं है। हालांकि ऑर्डर मिला है, इसे ब्रोकरेज पॉजिटिव मान रहा है।
वैश्विक ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनले का कहना है कि खर्चों में कटौती के इस माहौल में विप्रो को तगड़ा ऑर्डर मिलना बहुत अच्छा है लेकिन पियर्स के मुकाबले नियर टर्म में विप्रो की ग्रोथ सुस्त रह सकती है। ब्रोकरेज के मुताबिक जब तक ग्रोथ का अंतर कम नहीं होता है, P/E मल्टीपल गैप बड़ा बना रहेगा। इस वजह से ब्रोकरेज ने इसकी अंडरवेट रेटिंग को बरकरार रखा है और टारगेट प्राइस 421 रुपये पर फिक्स किया गया है। एक और ब्रोकरेज इनवेस्टेक का मानना है कि इस डील के हासिल करने से वित्त वर्ष 2025 में विप्रो का रेवेन्यू 1 फीसदी और बढ़ सकता है। इस कारण ब्रोकरेज ने 60 रुपये के टारगेट प्राइस पर इसे सेल रेटिंग दी है।
नए सीईओ की अगुवाई में विप्रो को मिली बड़ी डील
यह सौदा इसलिए भी अहम है क्योंकि विप्रो के नए सीईओ श्रीनिवास पल्लिया की अगुवाई में कंपनी ने पहला बड़ा सौदा हासिल किया है। उन्होंने थिएरी डेलापोर्टे के पद छोड़ने के बाद 6 अप्रैल को सीईओ का काम संभाला था। वहीं मार्च 2024 के बाद से यह कंपनी के लिए दूसरा बड़ा सौदा है। अप्रैल में विप्रो ने नोकिया के साथ एक सौदा किया था। हालांकि नोकिया के साथ सौदा कितना बड़ा है, इसका खुलासा नहीं हो पाया। इस सौदे के तहत विप्रो नोकिया के एंप्लॉयी सर्विस डेस्क पर काम करेगी और दुनिया भर में इसके एंप्लॉयीज को रियल टाइम आईटी सपोर्ट देगी।