भारतीय प्राइवेट बैंकों के शेयरों ने बुधवार को बाजार में धूम मचा दी। निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स 4.10 फीसदी की बढ़त के साथ सबसे ऊपर रहा। इसकी तुलना में, निफ्टी 50 सिर्फ 3.01 फीसदी बढ़कर 22,453 के स्तर पर पहुंचा। इंडसइंड बैंक, आरबीएल बैंक, बंधन बैंक और सिटी यूनियन बैंक के शेयरों में क्रमशः 7.2 प्रतिशत, 6.7 प्रतिशत, 6.6 प्रतिशत और 6.4 प्रतिशत की बढ़त हुई।
वहीं, फेडरल बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में आज कारोबार के दौरान 2 से 6 प्रतिशत तक की बढ़त दर्ज की गई।
इंडिया में प्राइवेट बैंकों के लिए हालात आकर्षक हो गए हैं, क्योंकि गठबंधन सरकार के बनने के कयासों के बीच सरकारी बैंकों के लिए माहौल खराब हो गया है।
विश्लेषकों का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) में बढ़ोतरी का अनुमान मुश्किल है, जिसमें सरकारी बैंक भी शामिल हैं। इसकी वजह मूल्यांकन से जुड़ी चिंताएं बताई जा रही हैं। इसके अलावा, गठबंधन सरकार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को निजिकरण की रफ्तार को धीमा करने के लिए मजबूर कर सकती है।
प्रभुदास लीलाधर की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, “हालांकि, गठबंधन सरकार का ग्रामीण भारत पर फोकस करने और सामान्य मानसून की उम्मीद से ऑटो और प्राइवेट बैंकों जैसे क्षेत्रों को समर्थन मिल सकता है।”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण मंगलवार को सरकारी बैंकों (PSU Banks) के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। भाजपा को 242 सीटों पर ही जीत मिली, जबकि चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में उसे 350-400 सीटें मिलने का अनुमान था।
कुल 543 सीटों में से विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को 234 सीटें मिलीं। इसकी वजह से भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई। मंगलवार को बेंचमार्क सेंसेक्स 4,389 अंक और निफ्टी 50 1,379 अंक लुढ़क गया। इस गिरावट की सबसे ज्यादा मार सरकारी बैंकों, पूंजीगत सामान, धातु और बिजली कंपनियों के शेयरों पर पड़ी।
हालांकि, बैंकों के लोन बुक (credit book) में भले ही क्षेत्रीय बदलाव देखने को मिल सकते हैं, लेकिन कुल मिलाकर बैंकों के कारोबार पर कोई बड़ी मुश्किल नहीं आने वाली है। मजबूत बैलेंस शीट और उचित मूल्यांकन को देखते हुए, HDFC सिक्योरिटीज BFSI क्षेत्र को लेकर सकारात्मक बना हुआ है।
आज दोपहर 3:30 बजे तक निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स 4.78 फीसदी ऊपर था। इसकी तुलना में, निफ्टी 50 इंडेक्स 3.01 फीसदी बढ़ा था। यह इंडेक्स अभी 14.75 गुना मूल्य-आय अनुपात (price to earnings multiple) पर कारोबार कर रहा है, जो कि दो साल के औसत 17.43 गुना से कम है।