Your Money

मार्केट में स्मार्ट बनने की कोशिश नहीं करें, जानिए आपको क्या करना है और क्या नहीं करना है

लोकसभा चुनावों के नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहने पर स्टॉक्स मार्केट तुरंत प्रतिक्रिया दिखाता है। 4 जून को नतीजे उम्मीद के उलट रहने पर मार्केट क्रैश कर गया। पिछले कई सालों के बाद मार्केट में ऐसी गिरावट आई। इसकी बड़ी वजह यह है कि बीजेपी अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है। एनडीए को 292 सीटें मिली हैं, जो सरकार बनाने के लिए जरूरी सीटों की संख्या से ज्यादा है।

मार्केट को अनिश्चितता पसंद नहीं

एक्सपर्ट्स का कहना है कि गठबंधन सरकार का दौर लौट आया है। ऐसी सरकार सहयोगी दलों पर निर्भर रहती है। सहयोगी दल स्थिति का पूरा फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। 90 और उसके बाद के दशकों में हम ऐसा देख चुके हैं। मार्केट ऐसी चीजें पसंद नहीं करता है। यही वजह है कि 4 जून को एक समय Sensex और Nifty 8-8 फीसदी तक गिर गए थे। पीएसयू सूचकांकों में तो 14 फीसदी तक की गिरावट आई थी।

 

मार्केट के उतारचढ़ाव से परेशान न हों

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं तो पहले खुद को शांत रखें। फिलहाल पक्के तौर पर कुछ कहना मुश्किल है, क्योंकि जब तक नई सरकार बन नहीं जाती मार्केट में उतारचढ़ाव दिखेगा। मार्केट को अनिश्चितता पसंद नहीं है। निवेशकों को इंडिया की ग्रोथ स्टोरी में भरोसा बनाए रखने की जरूरत है। इंडिया के लिए लंबी अवधि में अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं। राजनीति के स्तर पर हर कुछ सालों में होने वाली घटनाओं का ज्यादा असर पड़ने वाला नहीं है।

लंबी अवधि में मार्केट का प्रदर्शन बेहतर रहेगा

लंबी अवधि में मार्केट के प्रदर्शन पर कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ का असर दिखेगा। इसका मतलब यह है कि यह इलेक्शन या बाद के इलेक्शंस नतीजों से मार्केट का आउटलुक बदलने वाला नहीं है। खासकर तब जब हमारी इकोनॉमी स्ट्रॉन्ग बनी हुई है। आने वाले दिनों में अगर मार्केट में और गिरावट आती है तो भी आपको यह समझने की जरूरत है कि दुनिया में इंडिया ऐसा इकलौता इतना बड़ा मार्केट जिसके लिए आगे बहुत अच्छी संभावनाएं हैं।

फाइनेंशियल प्लान पर फोकस बनाए रखें

अपने फाइनेंशियल प्लान पर फोकस बनाए रखें। ऐसी घटनाओं के बाद धैर्य की जरूरत सबसे ज्यादा होती है। आपको अपने एसेट एलोकेशन पर ध्यान बनाए रखने की जरूरत है। अगर जरूरत है तो आप अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस कर सकते हैं। अगर आप पांच साल से ज्यादा वक्त के लिए निवेश कर रहे हैं तो शेयरों में ज्यादा निवेश कर सकते हैं। अगर कम साल के लिए निवेश कर रहे हैं तो आपको डेट में ज्यादा निवेश करने की जरूरत है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top