बीजेपी को बहुमत नहीं मिलने से शॉर्ट टर्म में मार्केट सीमित दायरे में रहने की उम्मीद है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोकसभा चुनावों के नतीजों पर मार्केट अपनी प्रतिक्रिया दे चुका है। नतीजों के बाद अब नजरें पूर्ण बजट और पॉलिसी से जुड़े सरकार के ऐलान पर होंगी। खासकर मार्केट यह जानना चाहेगा कि मौजूदा पॉलिसी जारी रहेगी या उसमें बदलाव आएगा। 4 जून को सेंसेक्स और निफ्टी में 6-6 फीसदी की गिरावट आई। यह बताता है कि एनडीए की पॉलिसी को लेकर मार्केट चिंतित है। मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों पर ज्यादा दबाव देखने को मिला। दोनों ही सूचकांक 6-7 फीसदी तक लुढ़क गए।
कुछ सेक्टर में करेक्शन का अनुमान
Religare में एसवीपी अजीत मिश्रा ने कहा कि कुछ खास सेक्टर में करेक्शन दिख सकता है। उन्होंने 21,000-21,200 के लेवल पर सपोर्ट मिलने की उम्मीद जताई। अगर यह लेवल टूट जाता है तो और करीब 1,000-1,500 की गिरावट दिख सकती है। रिकवरी की स्थिति में Nifty 23,400-23,500 की तरफ बढ़ सकता है। इस लेवल पर Nifty को रेसिस्टेंस का सामना करना पड़ेगा। Wealthmills Securities के डायरेक्टर क्रांति बैथिनी ने मार्केट में कंसॉलिडेशन की संभावना जताई है। उन्होंने कहा कि NDA को 300 से कम सीटें आने से मार्केट का सेंटिमेंट पूरी तरह निगेटिव हो गया है।
सरकार की पॉलिसी पर नजरें टिकीं
उन्होंने कहा कि बजट आने तक निफ्टी कंसॉलिडेशन के बाद 22,000-23,000 के दायरे में रह सकता है। मार्केट की नजरें पॉलिसी पर होगी। वह जानना चाहेगा कि पॉलिसी जारी रहती है या उसमें कोई बदलाव आता है। मार्केट सेंटिमेंट पर बजट का असर पड़ेगा। मार्केट की दिशा तय करने में इन चीजों का बड़ा हाथ होगा। उधर, मार्केट एक्सपर्ट अंबरीश बालिगा ने सावधानी भरा आउटुलक दिया। उन्होंने कहा कि मार्केट में बड़ी गिरावट की जगह थोड़ा करेक्शन दिख सकता है। अगर तेजी आती है तो वह 500 अंक से ज्यादा नहीं होगी। खासकर बजट आने तक।
सरकारी कंपनियों के शेयरों पर दबाव
बालिगा ने कहा कि पहले सरकार के फोकस बढ़ाने का असर डिफेंस और रेलवे सेक्टर की कंपनियों पर दिखा था। उन पर दबाव बढ़ सकता है। उन्होंने सरकारी कंपनियों के शेयरों में आई तेजी का उदाहरण दिया। HAL का मार्च तिमाही का प्रॉफिट 4,000 करोड़ रुपये रहा। एक साल में एचएएल के स्टॉक की कीमत तिगुनी हो गई है। 4 जून को इसमें 18 फीसदी गिरावट आई। Bharat Dynamics का स्टॉक एक साल में 156 फीसदी चढ़ा था। 4 जून को यह 10 फीसदी गिरा।
इन सेक्टर में निवेश के मौके
उनकी सलाह है कि इनवेस्टर्स को अब IT, Pharma और FMCG जैसी डिफेंसिव कंपनियों के स्टॉक्स पर दांव लगाना चाहिए। उन्होंने भी सरकारी कंपनियों के स्टॉक्स में सावधानी बरतने की सलाह दी। इन शेयरों में गिरावट दिख सकती है। उन्होंने कहा कि इन शेयरों का प्रदर्शन पिछले एक-दो साल में अच्छा रहा है। इनमें गिरावट दिख सकती है। उधर, प्राइवेट बैंकों का प्रदर्शन बेहतर रहेगा।