कर्ज में डूबी कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (Jaiprakash Associates Limited) को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने ICICI बैंक और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के खिलाफ दायर दिवालिया याचिका को स्वीकार कर लिया है। बता दें कि ICICI बैंक ने साल 2018 में दिवाला कार्यवाही शुरू की थी तो साल 2022 में एसबीआई इस प्रक्रिया में शामिल हुआ। ICICI बैंक, एसबीआई और आईडीबीआई बैंक के नेतृत्व में 22 लेंडर्स के यूनिट का जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड में निवेश है। बीएसई पर जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के शेयर ₹0.68 या 4.40% की गिरावट के साथ ₹14.79 पर बंद हुए।
जेपी इन्फ्रास्ट्रक्चर का विलय खारिज
एनसीएलएटी की दो-सदस्यीय इलाहाबाद पीठ ने सोमवार दोपहर को दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का आदेश सुनाया। इस पीठ में प्रवीण गुप्ता और आशीष वर्मा शामिल थे। मामले से जुड़े वकीलों ने बताया कि पीठ ने एक अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) नियुक्त करने के साथ ही जेएएल के खिलाफ कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) शुरू करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही न्यायाधिकरण ने जेपी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड के साथ जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के विलय को भी खारिज कर दिया।
क्या है मामला?
सितंबर, 2018 में निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक ने ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) की धारा सात के तहत जेएएल के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी लगाई थी। इसके अलावा देश के सबसे बड़े ऋणदाता एसबीआई ने भी 15 सितंबर, 2022 तक 6,893.15 करोड़ रुपये के कुल भुगतान चूक का दावा करते हुए जेएएल के खिलाफ एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया था।
अगस्त, 2017 में दिवाला कार्यवाही शुरू करने के लिए रिजर्व बैंक की 26 बड़े चूककर्ताओं की सूची में जेएएल भी शामिल थी। जेपी सीमेंट कॉरपोरेशन समेत समूह की कई कंपनियां इस समय एनसीएलटी के समक्ष दिवाला कार्यवाही का सामना कर रही हैं। समूह की एक कंपनी जेपी इन्फ्राटेक भी दिवाला प्रक्रिया के दौर से गुजर रही है जिसके लिए अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी ने मुंबई स्थित सुरक्षा समूह की बोली को पिछले हफ्ते बरकरार रखा। जयप्रकाश एसोसिएट्स ने पिछले महीने कहा था कि उसने 30 अप्रैल को 1,751 करोड़ रुपये की मूल कर्ज राशि और 2,865 करोड़ रुपये के ब्याज का भुगतान करने में चूक की थी। जेएएल के मुताबिक, उसका कुल कर्ज (ब्याज सहित) 29,805 करोड़ रुपये है, जिसे 2037 तक चुकाया जाना है। इसमें से अप्रैल, 2024 तक केवल 4,616 करोड़ रुपये का भुगतान ही बकाया है।
जेएएल ने कहा था कि उसकी कुल उधारी में से 18,955 करोड़ रुपये प्रस्तावित विशेष इकाई (एसपीवी) को हस्तांतरित कर दिए जाएंगे। इसके लिए सभी हितधारकों द्वारा विधिवत अनुमोदित योजना एनसीएलटी की मंजूरी के लिए लंबित है।