Sensex Nifty at Record High: शेयर बाजार में आज 3 जून को तूफानी तेजी देखने को मिली। सेंसेक्स और निफ्टी ने अपने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़कर नए कीर्तिमान बनाए। सेंसेक्स 2,700 अंकों की बंपर उछाल के साथ खुला। वहीं निफ्टी 4 प्रतिशत बढ़त के साथ पहली बार 22,300 के स्तर को पार कर गया। यहां तक कि बैंक निफ्टी, बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्सों ने भी आज अपना नया ऑलटाईम हाई छुआ। इस धमाकेदार तेजी ने निवेशकों को मालामाल कर दिया । बस शुरुआती 2 घंटे में शेयर बाजार की निवेशकों की संपत्ति एक झटके में 12 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई थी। शेयर बाजार की इस भारी तेजी के पीछे 5 सबसे बड़े कारण क्या रहे, आइए इसे एक-एक कर समझने की कोशिश करते हैं।
1. एग्जिट पोल में BJP को रिकॉर्ड जीत का अनुमान
लोकसभा चुनाव के सभी एग्जिट पोल में नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली एनडीए सरकार के लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी का अनुमान जताया गया है। News18 के एग्जिट पोल में एनडीए को 355 से 370 से सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। इसमें बीजेपी की सीटें 305 से 315 के बीच रहने का अनुमान है। शेयर बाजार को एग्जिट पोल के यह नतीजे पसंद आए हैं, जो आज की तेजी का सबसे बड़ा कारण है।
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि बीजेपी की जीत से केंद् के स्तर राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक नीतियों के जारी रहने का अनुमान है। ब्रोकरेज फर्म इमके ने कहा कि पिछले 10 सालों के दौरान ग्लोबल लेवल पर आए तमाम उतार-चढ़ावों के बावजदू भारतीय इकोनॉमी स्थिर रही है, जो मोदी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि बाजार को यह स्थिरता अगले 5 साल भी इसी तरह जारी रहने की उम्मीद है।
2. GDP की शानदार ग्रोथ
केंद्र सरकार शुक्रवार 31 मई को शेयर बाजार बंद होने के बाद GDP के आंकडे जारी किए थे। सरकार ने बताया कि जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान देश की GDP 7.8 फीसदी रही। वहीं पूरे वित्त वर्ष में 2024 में भारत की अर्थव्यवस्था 8.2 फीसदी की दर से बढ़ी। यह आंकड़ा तमाम अर्थशास्त्रियों के अनुमानों से भी अधिक है और भारतीय इकोनॉमी की मजबूती को दिखाता है। इसके चलते निवेशकों का भारत की ग्रोथ स्टोरी पर भरोसा मजबूत हुआ है।
इसके अलावा सरकार का फिस्कल डेफिसिट यानी राजकोषीय घाटा भी बेहतर हुआ है। केंद्र सरकार ने बजट में राजकोषीय घाटा के GDP का 5.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया था, जबकि यह GDP के 5.63 फीसदी रहा। इससे भी निवेशकों का थोड़ा सेंटीमेंट बेहतर हुआ।
3. बॉन्ड यील्ड्स में गिरावट
शेयर बाजार में आज की तेजी के पीछे एक अहम वजह 10 साल की अवधि वाले सरकारी बॉन्ड्स की यील्ड में गिरावट भी रही। इस बॉन्ड्स की यील्ड सोमवार को 0.37 फीसदी गिरकर 6.96 फीसदी पर आ गई। यह बताता है कि निवेशकों की रिस्क लेने की क्षमता बेहतर हुई है और अब वे बॉन्ड्स की जगह अधिक रिटर्न की लाचल में शेयर बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं।
4. वोलैटिलिटी इंडेक्स में गिरावट
वोलैटिलिटी इंडेक्स, India VIX में सोमवार को करीब 18.3 फीसदी की भारी गिरावट आई और यह 20 अंक पर आ गया। इस गिरावट से पता चलता है कि शेयर बाजार में अस्थिरता की संभावना कम हुई है, जिसके चलते निवेशकों का जोश हाई है। इस बढ़े हुए जोश के साथ निवेशकों ने शेयर बाजार में आज चौतरफा खरीदारी की, जिसके चलते स्मॉलकैप, मिडकैप, बैंक निफ्टी और निफ्टी पीएसयू इंडेक्स अपने नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। ब्रोकरेज फर्म इमके की मानें तो 4 जून के चुनाव नतीजे भी अगर एग्जिट पोल के जैसे ही रहे, तो यह तेजी 3-4 दिनों तक जारी रह सकती है।
5. ग्लोबल बाजारों से मजबूत पॉजिटिव संकेत
ग्लोबल बाजारों से मिल रहे मजबूत संकेतों से भी भारतीय शेयर बाजार को सपोर्ट मिला है। अमेरिका और यूरोप दोनों जगहों पर ब्याज दरों में कटौती की संभावना हाल में बढ़ी है। इसके अलावा कई एशियाई देशों से पॉजिटिव आर्थिक आंकड़े भी आए हैं। रॉयटर्स के मुताबिक, जापान में पिछले एक साल में पहली बार मई में फैक्ट्री गतिविधियां बढ़ी हैं। वहीं साउथ कोरिया में फैक्ट्री गतिविधियां पिछले 2 सालों के उच्चतम दर से बढ़ रही है। इन सब वजहों नेआज भारतीय शेयर बाजार को रिकॉर्ड ऊंचाई पर ले जाने में मदद की है।
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