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टोल टैक्स बढ़ने के बाद इस शेयर पर टूट पड़े निवेशक, खरीदने की मची लूट, एक्सपर्ट बोले- अब ₹86 पर जाएगा भाव

 

IRB Infrastructure Developers Ltd (IRB Infra): आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स लिमिटेड (आईआरबी इंफ्रा) के शेयर आज सोमवार को फोकस में हैं। कंपनी के शेयरों में गजब की तेजी देखी जा रही है। आईआरबी इंफ्रा के शेयर आज 13% तक बढ़ गए और 74.60 रुपये के इंट्रा डे हाई पर पहुंच गए। शेयरों में इस तेजी के पीछे एक बड़ी वजह है। दरअसल, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने देशभर में आज 3 जून से टोल टैक्स की कीमतों में इजाफा किया है। इस बढ़ोतरी के बाद अब टोल शुल्क 3% से 5% तक महंगा हो गया है। आपको बता दें कि टोल टैक्स में इजाफा 1 अप्रैल से होने वाला था लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते टाल दिया गया था। अब सरकार के इस ऐलान के बाद आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स को मुनाफा होने की संभावना है। इससे इसके शेयरों में तेजी आई है।

शेयरों के हाल

बता दें कि आईआरबी इंफ्रा के शेयर इस साल 27 मई को अपने सर्वकालिक उच्च स्तर ₹76.55 पर पहुंच गए थे, वर्तमान प्राइस के मुकाबले यह केवल 2.5% दूर रह गया है। हालांकि, पिछले एक साल में काउंटर में 155% की तेजी आई है। पिछले छह महीने में यह शेयर 98% और इस साल YTD में 75% तक बढ़ा है। पिछले पांच साल में यह शेयर 11 रुपये से बढ़कर 72.90 रुपये पर आया है। इस दौरान इसने 530% तक का रिटर्न दिया है। Axis Securities ने हाल ही में इस शेयर पर 86 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है और इस पर खरीदारी की सिफारिश की है।

क्या है डिटेल

एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को कहा, “नया शुल्क तीन जून, 2024 से लागू होगा।” टोल शुल्क में यह परिवर्तन थोक मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में परिवर्तन से जुड़ी दरों को संशोधित करने की वार्षिक प्रक्रिया का हिस्सा है। राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क पर लगभग 855 उपयोगकर्ता शुल्क प्लाजा हैं, जिन पर राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रहण) नियम, 2008 के अनुसार उपयोगकर्ता शुल्क लगाया जाता है।

इंफ्रा पर तेजी से हो रहा काम

देश ने पिछले 10 सालों में नेशनल हाईवे के विस्तार के लिए भारी मात्रा में निवेश किया है, जिनकी कुल लंबाई लगभग 1,46,000 किलोमीटर है। यह दूसरा सबसे बड़ा ग्लोबल सड़क नेटवर्क है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में टोल संग्रह बढ़कर ₹54,000 करोड़ से अधिक हो गया, जो वित्तीय वर्ष 2019 में ₹25,200 करोड़ था, सड़क यातायात में वृद्धि के साथ-साथ टोल प्लाजा और शुल्कों की संख्या में वृद्धि से मदद मिली।

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