HDFC Bank Shares: विदेशी ब्रोकरेज फर्म मैक्वेरी (Macquarie) का अनुमान है कि अगस्त में होने वाले MSCI इंडिया इंडेक्स के अगले रीबैलेंसिंग में HDFC बैंक का वेटेज दोगुना हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो पैसिव म्यूचुअल फंडों की ओर से HDFC बैंक के 28.1 करोड़ शेयरों या 43,360 करोड़ रुपये की खरीदारी हो सकती है। मैक्वेरी ने अपने क्लाइंट्स को भेजे एक नोट्स में कहा, “MSCI इंडेक्स के मई रीबैलेंसिंग के दौरान HDFC बैंक बहुत कम अंतर से चूक गया था। हालांकि, पिछले दो महीनों में FII की बिक्री को देखते हुए, HDFC बैंक का MSCI इंडिया में वेटेज अगस्त की रीबैलेंसिंग में दोगुना हो जाना चाहिए।”
फिलहाल MSCI इंडिया इंडेक्स में HDFC बैंक चौथे स्थान पर है, जिसका वेटेज 3.89% है। मैक्वेरी की कैलकुलेशन के आधार पर, यह वेटेज दोगुनी हो सकता है। यह स्टॉक में उस टेक्निकल ओवरहैंग को भी बंद कर देगा, जो मर्जर के बाद बना थी, जिसके चलते बैंक के इंडेक्स वेटेज की तुलना में संयुक्त कंपनी में फंड्स की पोजीशन अधिक हो गई थी।
मार्च तिमाही में विदेशी निवेशक लगभग 8 फीसदी ओवरवेट थे, जो फिलहाल 5 फीसदी तक कम हो गए हैं। जैसे ही HDFC बैंक का MSCI इंडेक्स में वेटेज 3.82% से दोगुना होकर 7.64% तक जाएगा, तो विदेशी निवेशकों का यह ओवरवेट 5 फीसदी से कम होकर 1 फीसदी के नीचे आ जाएगा। नोट में लिखा है, “मुझे लगता है कि आखिरकार टेक्निकल ओवरहैंग की चिंता खत्म हो जाएगी।”
MSCI इंडेक्स वेटेज का कैलकुलेशन विदेशी निवेशकों के लिए उपलब्ध फ्री-फ्लोट एडजस्टेड मार्केट-कैप के आधार पर किया जाता है। MSCI इंडेक्स में उन शेयरों को शामिल किया जाता है, जिनमें विदेशी निवेशकों को कम से कम से 25 प्रतिशत और कुछ मामलों में 15% तक हिस्सेदारी लेने की अनुमति होती है। जिन शेयरों में 15% से कम विदेशी निवेश होता है, उन्हें इस शेयर में शामिल होने की इजाजत नहीं होती है।
मार्च 2024 तक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के पास HDFC बैंक में निवेश की अधिकतम गुंजाइश 24.95% थी। इसके चलते MSCI इंडेक्स में अधिक वेटेज के साथ शामिल होने से यह बैंक 0.05 फीसदी के मामूली अंतर से चूक गया था। हालांकि माना जा रहा है कि जून तिमाही में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए निवेश की गुंजाइश 25 फीसदी के सीमा को पार कर सकती है, जिसके चलते अगस्त के रीबैलेंसिंग में इसका वेटेज दोगुना हो सकता है।