Zomato Share Price: ऑनलाइन फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो के शेयरों में आज बिकवाली का भारी दबाव दिख रहा है। इंट्रा-डे में तो यह 5 फीसदी से अधिक फिसल गया। भाव में रिकवरी तो हुई है लेकिन अब भी यह काफी कमजोर स्थिति में है। इसके शेयरों में बिकवाली का यह दबाव ब्रोकरेज के रुझान के चलते है जिसने क्विक कॉमर्स स्पेस में बढ़ते कॉम्पटीशन के चलते 12 महीने में इसके भाव में 47 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया है। फिलहाल BSE पर यह 3.93 फीसदी की गिरावट के साथ 173.45 रुपये के भाव पर है। इंट्रा-डे में यह 5.15 फीसदी फिसलकर 171.25 रुपये तक आ गया था।
₹100 से भी कम टारगेट प्राइस है Zomato का
ब्रोकरेज फर्म मैक्वायरी ने जोमैटो की अंडरपरफॉर्म की रेटिंग को बरकरार रखा है और टारगेट प्राइस 96 रुपये का दिया है जो गुरुवार के क्लोजिंग प्राइस 180.55 रुपये से करीब 47 फीसदी डाउनसाइड है। ब्रोकरेज ने पिछले साल मई से ही इसे अंडरपरफॉर्म रेटिंग दिया हुआ है जब इसने न्यूट्रल से इसकी रेटिंग को डाउनग्रेड कर अंडरपरफॉर्म किया था। मैक्वायरी उन तीन एनालिस्ट्स में शुमार है जिसने जोमैटो को या तो सेल या इससे मिलती-जुलती रेटिंग दिया है। मैक्वायरी का कहना है कि कॉम्पटीशन तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि जियोमार्ट भी अगले महीने से आधे घंटे में ग्रॉसरी की डिलीवरी शुरू करेगी। जियोमार्ट की सेवाएं पहले देश के 20-30 शहरों में शुरू होगी।
जोमैटी की कैसी है सेहत
मार्च तिमाही में ब्लिंकिट का EBIT पॉजिटिव रहा जबकि रेवेन्यू सालाना आधार पर दोगुने से अधिक उछलकर 769 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। जोमैटो को मार्च तिमाही में 175 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हासिल हुआ जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में इसे 188 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। शेयरों की बात करें तो पिछले साल 1 जून 2023 को यह एक साल के निचले स्तर 67.61 रुपये पर था। इसके बाद 11 महीने में ही यह करीब 207 फीसदी उछलकर 13 मई 2024 को 207.30 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था। हालांकि शेयरों की यह तेजी थम गई और इस हाई से फिलहाल यह 16 फीसदी से अधिक डाउनसाइड है।