आईआरसीटीसी के स्टॉक में बीते एक साल में 61 फीसदी उछाल आया है। इसके मुकाबले निफ्टी 22 फीसदी चढ़ा है। हालांकि, आईआरसीटीसी के शेयरों में जितनी तेजी आई है, कंपनी के प्रदर्शन में उतना इम्प्रूवमेंट नहीं आया है। हाई मार्जिन वाले इंटरनेट टिकटिंग की ग्रोथ सुस्त है। कपनी के रेवेन्यू में लो मार्जिन बिजनेस की हिस्सेदारी बढ़ी है। पहली नजर में कंपनी का बिजनेस शानदार नजर आता है। रेलवे टिकटिंग में कंपनी का एकाधिकार है। कैटरिंग, पैकेज्ड वाटर बिजनेस और टूरिज्म की भी कंपनी की रेवेन्यू में हिस्सेदारी है। इनमें सामान्य ग्रोथ देखने को मिली है। कंपनी की वैल्यूएशन उसके फंडामेंटल्स के मुकाबले ज्यादा दिखती है। इसमें पीएसयू स्टॉक्स में आई तेजी का बड़ा हाथ है।
तेजस के कम यूटिलाइजेशन का रेवेन्यू पर असर
IRCTC का रेवेन्यू साल दर साल आधार पर अच्छा रहा है। इसमें कैटरिंग का हाथ है। इंटरनेट टिकटिंग का प्रदर्शन भी स्टेबल रहा है। मैनेजमेंट ने FY25 में 15-16 फीसदी मार्जिन का अनुमान जताया है। तिमाही दर तिमाही आधार पर इंटरनेट टिकटिंग बिजनेस के मार्जिन में कमी आई है। इससे पेमेंट में यूपीआई की हिस्सेदारी बढ़ने का हाथ है, जिसकी कनवेनिएंस फीस कम है। तेजस के कम यूटिलाइजेशन का असर टूरिज्म बिजनेस की इनकम पर पड़ा है।
वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत से बढ़ेगा रेवेन्यू
इंटरनेट टिकटिंग का इस्तेमाल 80 फीसदी से ऊपर पहुंच गया है। इसमें ज्यादा वृद्धि की संभावना नहीं है। अगले दो-तीन साल में 475 वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत से मध्यम अवधि में कंपनी का रेवेन्यू बढ़ने की उम्मीद है। इससे रेल नीर के रेवेन्यू में भी इजाफा होगा। मैनेजमेंट को नॉन-कनवेनिएंस फीस से ग्रोथ को सपोर्ट मिलने की उम्मीद है। इंटरनेट टिकटिंग में धीरे-धीरे इम्प्रूवमेंट की उम्मीद है।
क्या अभी निवेश करना ठीक रहेगा?
जब तक पैसेंजर्स ट्रेनों की कैपेसिटी में बड़ा इजाफा नहीं होता है, सभी बिजनेसेज की ऑर्नेगनिक ग्रोथ सामान्य रहेगी। मैनेजमेंट का कहना है कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर शुरू होने से रेलवे लाइन पर दबाव घटेगा, जिससे नई पैसेंजर्स ट्रेन चलाना मुमकिन होगा। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि लंबी अवधि में आईआरसीटीसी की ग्रोथ अच्छी रहेगी। सरकारी कंपनियों के स्टॉक्स में तेजी की वजह से आईआरसीटीसी की वैल्यूएशन भी बढ़ी है। इस स्टॉक में एंट्री के लिए करेक्शन का इंतजार किया जा सकता है।