Sovereign gold bond: अधिक रिटर्न और टैक्स बेनिफिट की संभावनाओं से सरकारी गोल्ड बॉन्ड की तरफ रुझान बढ़ रहा है। निवेशकों ने पिछले वित्त वर्ष में 27,031 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे जो 2022-23 में खरीदे गए गोल्ड बॉन्ड का चार गुना हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में सरकारी गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) के जरिये 44.34 टन सोने की खरीद 6,551 करोड़ रुपये में की गई। बॉन्ड जारी करने वाले रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक 2023-24 के दौरान एसजीबी से जुटाई गई कुल राशि 27,031 करोड़ रुपये (44.34 टन) है। पिछले वित्त वर्ष में एसजीबी को चार चरणों में जारी किया गया था। नवंबर, 2015 में एसजीबी योजना की शुरुआत के बाद से 67 चरणों में कुल 72,274 करोड़ रुपये (146.96 टन) जुटाए गए हैं। पिछले एक साल में 24 कैरेट प्रति 10 ग्राम सोने की कीमत लगभग 62,300 रुपये से बढ़कर 73,200 रुपये हो गई है।
क्या है स्कीम की डिटेल
सरकारी गोल्ड बॉन्ड सोने के ग्राम में अंकित होने वाली सरकारी सिक्योरिटीज हैं। ये फिजिकल गोल्ड का विकल्प हैं। ये बॉन्ड पूंजीगत लाभ कर से भी मुक्त हैं। इसके अलावा बॉन्ड पर शुरुआती निवेश की राशि पर सालाना 2.50 प्रतिशत की दर से ब्याज भी मिलता है। एसजीबी एक ग्राम सोने के मूल्य-वर्ग और उसके गुणकों में जारी किए जाते हैं। न्यूनतम निवेश एक ग्राम होना चाहिए जबकि व्यक्तियों के लिए अधिकतम 4 किलोग्राम निवेश की सीमा है।
सरकारी गोल्ड बॉन्ड बैंकों, विदेशी बैंकों, नामित डाकघरों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल) और अधिकृत शेयर बाजारों के कार्यालयों या शाखाओं के जरिये सीधे या उनके एजेंटों के जरिये बेचे जाते हैं।
वित्तीय सेवा कंपनी मोतीलाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में कहा है कि सोने की कीमतें इस वर्ष की शुरुआत में स्थिर चल लग रही थीं। रिपोर्ट के मुताबिक अब तक इस वर्ष कीमतों में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है और इस साल लगभग 14 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है। इसके मुकाबले चांदी के भाव इस साल 27 प्रतिशत तक चढ़ चुके हैं।