हेल्थ इंश्योरेंस के ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है। अब पॉलिसीहोल्डर के कैशलेस अथॉराइजेशन रिक्वेस्ट पर इंश्योरेंस कंपनी को एक घंटे के अंदर फैसला लेना होगा। इंश्योरेंस रेगुलेटर आईआरडीएआई ने इस बारे में एक मास्टर सर्कुलर जारी किया है। इसमें मामले से जुड़े कई मसलों पर स्थिति स्पष्ट की गई है।
आम तौर पर इंश्योरेंस कंपनियां हॉस्पिटल से कैशलेस रिक्वेस्ट मिलने पर कुछ अमाउंट तुरंत मजूर कर देती हैं। क्लेम का फाइनल सेटलमेंट डिस्चार्ज के वक्त होता है, जब इंश्योरेंस कंपनी को हॉस्पिटल से बिल और दूसरे डॉक्युमेंट्स मिल जाते हैं। अभी कैशलेस अथॉराइजेशन और क्लेम सेटलमेंट इंश्योरेंस कंपनी के बोर्ड से एप्रूव्ड पॉलिसी के आधार पर होता है।
IRDAI ने इंश्योरेंस कंपनियों को डिस्चार्ज पर फाइनल कैशलेस अथॉराइजेशन बिल मिलने के तीन घंटे के अंदर एप्रूव करने को कहा है। सर्कुलर में कहा गया है, “अथॉराइजेशन में तीन घंटे से ज्यादा समय लगने पर एडिशनल अमाउंट (अगर है) का पेमेंट बीमा कंपनी को शेयरहोल्डर फंड से करना होगा।” अगर इलाज के दौरान पॉलिसीहोल्डर की मौत हो जाती है तो इंश्योरेंस कंपनी को हॉस्पिटल को तुरंत शरीर परिजनों को सौंपने की इजाजत देनी होगी। इंश्योरेंस कंपनियों को नए नियमों को लागू करने के लिए 31 जुलाई तक पूरी तैयारी कर लेनी होगी।
इंश्योरेंस कंपनियां आम तौर पर पॉलिसीहोल्डर के क्लेम फाइल नहीं करने पर सम इंश्योर्ड का अमाउंट बढ़ा देती हैं। इसके लिए वे अलग से पैसे नहीं लेती हैं। अब IRDAI ने इंश्योरेंस कंपनियों से पॉलिसीहोल्डर्स को दो विकल्प देने को कहा है। पहला, पॉलिसीहोल्डर सम इंश्योर्ड अमाउंट बढ़ाने के विकल्प का इस्तेमाल कर सकता है। दूसरा, वह बीमा कंपनी से रिन्यूएल पर प्रीमियम में डिस्काउंट ले सकता है। इससे उन पॉलिसीहोल्डर्स को मदद मिलेगी, जिनको कोविड के पास हाई प्रीमियम चुकाने में दिक्कत आ रही है।
अब पॉलिसीहोल्डर किसी भी वक्त अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी कैंसिल कर सकता है। इसके लिए उसे इंश्योरेंस कंपनी को सात दिन का नोटिस देना होगा। यह ऐसे पॉलिसीहोल्डर्स के लिए है, जिन्होंने एक साल की पॉलिसी ली है। बीमा कंपनी पॉलिसी कैंसिल कर बाकी समय का प्रीमियम का पैसा पॉलिसीहोल्डर को वापस कर देगी।