देसी बाजारों ने सोमवार को एक और झंझावात भरे कारोबारी सत्र का सामना किया और चुनाव नतीजे को लेकर अनिश्चितता के चलते दिन के उच्चस्तर से 0.8 फीसदी गिरकर बंद हुए।
अल्पावधि के उतारचढ़ाव की माप करने वाला द इंडिया वीआईएक्स इंडेक्स (VIX Index) करीब 7 फीसदी चढ़कर 23.2 पर बंद हुआ, जो दो साल का सर्वोच्च स्तर है।
सेंसेक्स (Sensex) 76,010 तक चढ़ने के बाद एक दिन पहले के बंद स्तर से 20 अंक गिरकर 75,391 पर बंद हुआ। निफ्टी (Nifty) ने 23,111 की ऊंचाई छू ली थी, लेकिन अंत में 24 अंक गिरकर 22,933 पर टिका।
बाजारों में बढ़ते आशावाद के बीच महीने के निचले स्तर से काफी सुधार हुआ कि मौजूदा भाजपा सरकार तीसरी बार जीत दर्ज करेगी। हालांकि उच्चस्तर पर बिकवाली उभरी क्योंकि कुछ निवेशकों ने सत्ताधारी भाजपा को मिलने वाले बहुमत पर घबराहट के कारण कुछ मुनाफावसूली की।
बाजार कारोबारियों का कहना है कि मौजूदा स्तरों पर शेयर कीमतों में भाजपा (BJP) के लिए 300 से ज्यादा सीटें आने का असर दिख रहा है और कम सीटें मिलने से बाजार को निराशा हो सकती है। चुनाव में कम मतदान से इसे लेकर चिंता बढ़ गई है कि मतदाताओं की सुस्ती 4 जून के नतीजों को प्रभावित तो नहीं करेगी।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 541 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने सोमवार को 923 करोड़ रुपये लगाए। इस महीने अब तक, एफपीआई ने घरेलू बाजारों से 23,000 करोड़ रुपये निकाले, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ गया।
हालांकि एफपीआई द्वारा बिकवाली के बावजूद भारतीय इक्विटी बाजार घरेलू संस्थागत निवेशकों की खरीदारी और आरबीआई द्वारा सरकार को 2023-23 के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये लाभांश स्थानांतरित किए जाने के बाद बैंकिंग शेयरों में आई तेजी की वजह से मजबूत बने रहे। आरबीआई (RBI) द्वारा सरकार को दिया गया लाभांश विश्लेषकों के अनुमान से ज्यादा है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा, ‘निफ्टी में 23,100 के आसपास प्रतिरोध के साथ साथ वोलेटिलिटी इंडेक्स ‘इंडिया वीआईएक्स’ में तेजी की वजह से बाजार में तेजी की संभावना सीमित है। हम इस सूचकांक में आगे और तेजी देख सकते हैं, इसलिए कारोबारियों को शेयर चयन में सतर्कता बरतनी चाहिए।’
सोमवार को बाजार धारणा कमजोर बनी रही। गिरने वाले शेयरों की संख्या 2,323 और चढ़ने वालों की संख्या 1,650 रही।
सेंसेक्स (Sensex) के शेयरों में इंडसइंड बैंक, ऐक्सिस बैंक, बजाज फाइनैंस और एचडीएफसी बैंक सबसे ज्यादा चढ़ने वालों में शामिल रहे। वहीं सूचकांक से निकलने की घोषणा की वजह से विप्रो में 2.4 प्रतिशत की कमजोरी आई।