पिछले हफ्ते के कारोबार में देश की टॉप-10 कंपनियों में से 9 का कंबाइन मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.85 लाख करोड़ रुपए बढ़ा है। इनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे बड़ी गेनर रही। इसका मार्केट कैप ₹61 हजार करोड़ बढ़कर 20.03 लाख करोड़ रहा है।
वहीं HDFC बैंक का मार्केट कैप ₹38 हजार करोड़ बढ़कर ₹11.53 लाख करोड़ हो गया है। इसके अलावा LIC, भारती एयरटेल, HUL, इंफोसिस, SBI, ICICI बैंक और TCS की मार्केट वैल्यू बढ़ी है। जबकि, ITC के मार्केट कैप में गिरावट आई है।
टॉप-10 कंपनियों में से 9 की मार्केट-वैल्यू बढ़ी और 1 की घटी
कंपनी | मार्केट-वैल्यू में बढ़ोतरी (करोड़ में) | मौजूदा मार्केट-वैल्यू (लाख करोड़ में) |
रिलायंस इंडस्ट्रीज | +61,398.65 | ₹20.03 |
HDFC बैंक | +38,966.07 | ₹11.53 |
LIC | +35,135.36 | ₹6.51 |
भारती एयरटेल | +22,921.42 | ₹8.26 |
HUL | +9,985.76 | ₹5.57 |
इंफोसिस | +8,821.99 | ₹6.06 |
SBI | +6,916.57 | ₹7.39 |
ICICI बैंक | +903.31 | ₹7.95 |
TCS | +271.36 | ₹13.93 |
ITC | – 436.97 | ₹5.45 |
सोर्स: BSE, नोट: आंकड़े 21 मई और 24 मई के आधार पर हैं।
मार्केट कैप के लिहाज से देश की टॉप-10 कंपनियां
कंपनी | 10 मई 2024 (₹ लाख करोड़ में) |
रिलायंस इंडस्ट्रीज | ₹20.03 |
TCS | ₹13.93 |
HDFC बैंक | ₹11.53 |
ICICI बैंक | ₹7.95 |
भारती एयरटेल | ₹8.26 |
SBI | ₹7.39 |
LIC | ₹6.51 |
इंफोसिस | ₹6.06 |
HUL | ₹5.57 |
ITC | ₹5.45 |
सोर्स: BSE, नोट: आंकड़े 21 मई और 24 मई के आधार पर हैं।
हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार (24 मई) को शेयर बाजार ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। सेंसेक्स ने 75,636 का हाई बनाया था। इससे पहले बीते दिन 23 मई सेंसेक्स ने 75,499 का हाई बनाया था। वहीं, निफ्टी ने 23,026 का हाई बनाया। इससे पहले निफ्टी भी बीते दिन 23 मई को 22,993 का हाई बनाया था।
हालांकि, बाजार ऊपरी स्तर से नीचे आकर मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ था। सेंसेक्स 7 अंक की गिरावट के साथ 75,410 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं, निफ्टी में 10 अंक की गिरावट रही, ये 22,957 के स्तर पर बंद हुआ था। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 9 में तेजी और 21 में गिरावट देखने को मिली था।
मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?
मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर, जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, की वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटस नंबर को स्टॉक की प्राइस से गुणा करके किया जाता है। मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार उन्हें चुनने में मदद मिले। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां।
मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत)
मार्केट कैप कैसे काम आता है?
किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है। कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है।
मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है?
मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा।