Go First crisis: दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही एयरलाइन गो फर्स्ट को झटका लगा है। दरअसल, इस एयरलाइन के लिए बोली में शामिल होने के तीन से ज्यादा महीने के बाद यात्रा पोर्टल ईजमाईट्रिप के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) निशांत पिट्टी ने कहा कि वे बोली प्रक्रिया से अपना नाम वापस ले रहे हैं। पिट्टी की अधिकांश हिस्सेदारी वाली बिजी बी एयरवेज ने फरवरी में स्पाइसजेट के प्रमुख अजय सिंह के साथ मिलकर गो फर्स्ट के लिए बोली लगाई थी। पिट्टी ने कहा कि विचार करने के बाद उन्होंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में गो फर्स्ट के लिए बोली वापस लेने का फैसला किया। बता दें कि गो फर्स्ट दिवाला समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है।
निशांत पिट्टी ने क्या कहा
उन्होंने बयान में कहा- यह निर्णय मुझे अन्य रणनीतिक प्राथमिकताओं और पहलों पर बेहतर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा, जो हमारी दीर्घकालिक दृष्टि और वृद्धि उद्देश्यों के साथ जुड़ी हुई हैं। इससे पहले हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने गो फर्स्ट को पट्टे पर दिए गए 54 विमानों को वापस लेने की अनुमति दी थी।
पिट्टी ने 26 अप्रैल को कहा था कि वह अदालत के आदेश की समीक्षा के बाद बंद पड़ी एयरलाइन के लिए पेशकश में किसी भी आवश्यक बदलाव पर विचार करेंगे। फिलहाल यह पता नहीं चला है कि बिजी बी एयरवेज के बाहर हो जाने के बाद संयुक्त बोली लगाने वाले स्पााइजेट के अजय सिंह बोली लगाएंगे या नहीं।
खराब है हालात
बता दें कि गो फर्स्ट ने तीन मई, 2023 के बाद से उड़ान नहीं भरी है। इसके नीले और सफेद रंग के ए320 विमान हवाई अड्डों पर धूल खा रहे हैं। अधिकांश कर्मचारी जा चुके हैं और कई अनिश्चित समय का सामना कर रहे हैं। इसके जल्द से जल्द पटरी पर आने की उम्मीदें और भी कम हो गई हैं, क्योंकि लंबी कानूनी लड़ाई के बाद एयरलाइन के 54 विमानों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है और अब पट्टेदार विमान को वापस ले लेंगे।