निफ्टी 50 इंडेक्स पहली बार 23 हजार के लेवल को छूने के दिन विदेशी इंवेस्टर्स (एफआईआई और एफपीआई) ने 945 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स (डीआईआई) ने 2,320 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। यह जानकारी प्रोविजनल डाटा से मिली है।
खरीदारी और बिकवाली
दरअसल, डीआईआई ने 13,476 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 11,155 करोड़ रुपये के बेचे। वहीं दूसरी तरफ एफआईआई ने 11,564 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे लेकिन 12,509 करोड़ रुपये के शेयर बेच डाले। 24 मई को कारोबार बंद होने पर सेंसेक्स 7.65 अंक गिरकर 75,410.39 पर और निफ्टी 50 इंडेक्स 10.55 अंक गिरकर 22,957.10 पर लगभग स्थिर होकर बंद हुआ।
लगभग स्थिर होकर बाजार बंद
इमक्रे वेल्थ मैनेजमेंट के हेड ऑफ रिसर्च जोसेफ थॉमस का कहना है कि एक हफ्ते के अस्थिर कारोबार के बाद इंडेक्स लगभग स्थिर होकर बंद हुए। विधानसभा चुनावों के अंतिम चरण और उसके बाद के नतीजों से पहले बाजार सतर्कता से काम ले रहा है। मतगणना होने तक और नीतियों में निरंतरता को लेकर कुछ तरह की पुष्टि होने तक बाजार इन टेम्पररी फैक्टर के प्रभाव में रहेगा।
विदेशी इंवेस्टर्स
विदेशी इंवेस्टर्स की बिकवाली के बावजूद घरेलू धारणा मजबूत बनी हुई है। इस साल अब तक, एफआईआई ने 1,19,137 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं, जबकि डीआईआई ने 1,93,329 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। उल्लेखनीय है कि निफ्टी ने इस साल अब तक 25.3 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की है, जबकि सेंसेक्स में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
विदेशी इंवेस्टर्स
क्रिस वुड ने अपनी बहुचर्चित ‘ग्रीड एंड फियर’ रिपोर्ट के लेटेस्ट एडिशन में कहा है कि भारतीय शेयर बाजार का अन्य बाजारों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन विदेशी इंवेस्टर्स को सतर्क कर रहा है, जबकि घरेलू फ्लो मजबूत बना हुआ है। गौरतलब है कि 21 मई को बीएसई-लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 5 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया, जो साल की शुरुआत से 633 बिलियन डॉलर बढ़ा है और नवंबर 2023 में 4 ट्रिलियन डॉलर के लेवल को पार करने के बाद सिर्फ 6 महीने में इस मुकाम पर पहुंचा है।
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