मार्च 2024 तिमाही में सुजलॉन का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 8.6 पर्सेंट की गिरावट के साथ 254 करोड़ रुपये रहा। कंपनी के प्रॉफिट में गिरावट की मुख्य वजह 27 करोड़ का विशेष खर्च रहा। इस दौरान कंपनी के रेवेन्यू में सालाना आधार पर 30 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई और यह 2,196 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 1,694 करोड़ रुपये था।
संबंधित अवधि में कंपनी का इबिट्डा (EBITDA) सालाना 54 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 357.2 करोड़ रुपये था, जबकि मार्जिन 2.60 पर्सेंट बढ़कर 16.3 पर्सेंट हो गया एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 13.7% था। सुजलॉन ने अपने अर्निंग प्रेजेंटेशन में बताया कि कंपनी ने 3.3 गीगावॉट के सबसे बड़े ऑर्डर बुक के साथ वित्त वर्ष 2024 की समाप्ति की है। कंपनी को फिर से ज्यूनिपर ग्रीन एनर्जी से 402 मेगावॉट का ऑर्डर मिला है। सुजलॉन एनर्जी के पास नेट कैश बैलेंस 1,148 करोड़ रुपये का है।
सुजलॉन ग्रुप के वाइस चेयरमैन गिरीश तांती ने बताया कि कंपनी ने कई भारतीय उद्यम समूहों को अपने कस्टमर पोर्टफोलियो में जोड़ा है और उनसे बार-बार ऑर्डर मिले हैं। तांती ने बताया, ‘पिछले फाइनेंशियल ईयर के दौरान हम टेक्नोलॉजी, मैन्युफैक्चरिंग, प्रोजेक्ट्स और OMS से जुड़े बिजनेस वर्टिकल में मजबूत आधार बनाने में सफल रहे। इस वजह से कंपनी आमे वाले वर्षों में इस सेक्टर में अग्रणी भूमिका में रहेगी।’
वित्त वर्ष 2024 के दौरान कंपनी ने 882 मेगावॉट के प्रोजेक्ट्स को चालू किया, जो पिछले साल के मुकाबले 78% ज्यादा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) 24 मई को सुजलॉन का शेयर 4.87 पर्सेंट की गिरावट के साथ 45.95 रुपये पर बंद हुआ।