इंफोसिस ने कहा है कि जनवरी-मार्च के मुकाबले डिस्क्रेशनरी स्पेंडिंग में कोई बदलाव नहीं आया है। कंपनी के सीईओ और एमडी सलील पारेख ने इस बारे में बताया है। उन्होंने कहा है कि हमने जो अनुमान जताया था वह आज सही दिख रहा है। आम तौर पर डिस्क्रेशनरी स्पेंड्स चौथी तिमाही के अंत और पहली तिमाही की शुरुआत में एक जैसा होता है। इस बार भी ऐसा देखने को मिला है। सीएनबीसी-टीवी18 को दिए इंटरव्यू में उन्होंने ये बातें कहीं।
इकोनॉमिक इनवायरमेंट में सुस्ती
सलील पारेख (Salil Parekh) ने कहा, “इकोनॉमिक इनवायरमेंट में सुस्ती दिख रही है जिसके चलते ज्यादातर डिजिटल प्रोजेक्ट्स की रफ्तार सुस्त पड़ी है।” मुश्किल वक्त के बावजूद इंफोसिस को FY25 में रेवेन्यू गाइडेंस (कॉन्सटैंट करेंसी) पूरा होने की उम्मीद है। कंपनी ने रेवेन्यू में 1-3 फीसदी वृद्धि का गाइडेंस दिया था। रेवेन्यू गाइडेंस के बारे में उन्होंने कहा कि हर तिमाही के अंत में हम दोबारा गाइडेंस पर विचार करते हैं।
जेन एआई की वजह से बड़ा बदलाव
पारेख ने कहा कि हमें जिन बातों से राहत मिलती है उनमें पहली है बड़ी डील और दूसरी है डिस्क्रेशनरी स्पेंड, जो पहले की तरह बना रहा है। स्थिति खराब नहीं हुई है। फाइनेंशियल सर्विसेज में हमने थोड़ा बेहतर मूवमेंट देखा है और आखिर में Gen AI जिसमें हमने बड़ा बदलाव देखा है। उन्होंने कहा कि कंपनी 200 जेनरेटिव एआई (Gen AI) प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। इंफोसिस के 8 में से हर 6 एंप्लॉयीज जेनरेटिव एआई से जुड़ी अलग-अलग चीजें सीख रहा है।
एआई के इस्तेमाल पर फोकस
इंडिया की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी के सीईओ ने कहा कि वह कई लेवल पर जेन एआई का इस्तेमाल कर रही है। कंपनी इस नई टेक्नोलॉजी की वजह से उपलब्ध मौको का मैक्सिम इस्तेमाल करना चाहती है। जेन एआई के कैप्टिव इस्तेमाल से बड़े क्लाइंट्स को सेवाएं देने के लिए कंपनी खास तरीके का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि बड़े आर्गेनाइजेशन के अंदर जेन एआई के सही तरह से काम करने के लिए क्लाउड के साथ ही डेटा काफी अहम है।
कंपनी जल्द हायरिंग शुरू करेगी
AI की वजह से नौकरियां खत्म होने की आशंका के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि इससे ऐसे नए रास्ते खुल रहे हैं जहां इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इससे प्रोडक्टविटी बढ़ी है। इससे कॉस्ट में भी कमी आई है। अभी हमारे बिजनेस में इसके छोटे आकार को देखते हुए फिलहाल कोई बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा है। मुझे उम्मीद है कि आगे इकोनॉमिक इनवायरमेंट बेहतर होने पर फिर से हायरिंग शुरू होगी।