फॉरेन फंडों की अचानक खरीदारी से 23 मई को मार्केट के प्रमुख सूचकांक नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। लेकिन, मार्केट का ओवरऑल ट्रेंड कनफ्यूजिंग बना हुआ है। इसकी वजह यह है कि फॉरेन फंड्स लंबे समय से बिकवाली करते रहे हैं। ऐसे में लोकसभा चुनावों के नतीजों से पहले उनके अचानक खरीदारी करने की क्या वजह हो सकती है? कुछ एनालिस्ट्स का मानना है कि इस खरीदारी की वजह मल्टी-लेग डेरिवेटिव स्ट्रेटेजी हो सकती है। इसलिए इसे बाजार में बुलिश ट्रेंड का संकेत मानना ठीक नहीं होगा।
ज्यादा डिविडेंड से सरकार को कम कर्ज लेना पड़ेगा
कुछ एनालिस्ट्स का कहना है कि आरबीआई की तरफ से सरकार को ज्यादा डिविडेंड का इकोनॉमी पर अच्छा असर पड़ेगा। इस वजह से कई फॉरेन इवेस्टर्स के रुख में बदलाव आया होगा। उम्मीद से ज्यादा डिविडेंड से सरकार को बॉन्ड्स के जरिए कम कर्ज लेना होगा। इससे बॉन्ड यील्ड में कमी आएगी और इकोनॉमी में कर्ज लेना सस्ता हो जाएगा।
कंपनी के मार्च तिमाही के नतीजे स्ट्रॉन्ग रहे। मार्च तिमाही में ऑर्डर बुक साल दर साल आधार पर 53 फीसदी बढ़ी है। अब कुल ऑर्डर बुक 57 अरब रुपये से ज्यादा की हो गई है। एनालिस्ट्स का कहना है कि मार्च में उम्मीद से ज्यादा प्रॉफिट इस बात का संकेत है कि ऑर्डर्स तय समय पर पूरे हो रहे हैं। पावर सेक्टर को लेकर आउटलुक पॉजिटिव है। बेयर्स की दलील है कि भले ही पिछली दो तिमाही में GE T&D का प्रदर्शन अच्छा रहा है वैल्यूएशन प्रीमियम बना हुआ है। एंटिक स्टॉक ब्रोकिंग ने अपनी रिपोर्ट में इस बारे में बताया है। ब्रोकरेज फर्मों ने स्टॉक के टारगेट प्राइस और अर्निंग्स के अनुमान बढ़ा दिए हैं। लेकिन, उनका कहना है कि इनवेस्टर्स को टीएंडडी की कैपेक्स साइकल थीम का फायदा उठाने के लिए सही एंट्री प्वाइंट का इंतजार करना चाहिए।
मार्च तिमाही के नतीजों से पहले कंपनी के स्टॉक्स में तेजी दिखी है। बुल्स का कहना है कि एक्सपोर्ट्स सहित डिफेंस, कमर्शियल शिप-बिल्डिंग और शिप रिपेयर सेगमेंट्स में ऑर्डर के लिहाज से तस्वीर अच्छी दिख रही है। ICICI Securities के एनालिस्ट्स ने अपनी रिपोर्ट में इस बारे में बताया है। बेयर्स की दलील है कि ऑर्डर्स पूरे करने में देरी एक चुनौती हो सकती है। एक साल में Cochin Shipyard का स्टॉक करीब सात गुना हो गया है।
कंपनी के चौथी तिमाही के नतीजे आ गए हैं। कंपनी ने ज्यादा मार्जिन और कम कॉम्पिटिशन वाले स्पेशियलिटी ड्रग पर फोकस बढ़ाया है। लंबी अवधि में इस सेगमेंट में लीडरशिप पॉजिशन के लिए Sun Pharma निवेश बढ़ा रही हैं। अपने स्पेशियलिटी ऑफरिंग में कंपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से काफी आगे है। इससे ग्रोथ को लेकर तस्वीर साफ है। बेयर्स का कहना है कि स्पेशियलिटी सेगमेंट में विस्तार के लिए कंपनी ने आरएंडडी पर खर्च बढ़ाया है। छोटी अवधि में इसका असर मार्जिन पर पड़ सकता है।