सीएनबीसी-आवाज़ के नीरज वाजपेयी ने बाजार और इलेक्शन के संबंधों पर बात करते हुए कहा कि बाजार में इस समय इलेक्शन को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही हैं। इसके चलते बाजार में काफी उठापटक भी देखने को मिल रही है। इलेक्शन के हर चरण के साथ बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अब सवाल ये है कि इसको अब हमें कैसे देखना चाहिए? एक बात ध्यान में रखें की इलेक्शन के नतीजों के लेकर बाजार में हमें एक संशय जरूर रहता है और ये स्वाभाविक भी है। एक बात और ध्यान में रखने की है। इलेक्शन के मौके पर अक्सर एफआईआई अपना निवेश रोक देते हैं। वास्तव में विदेशी निवेशकों के लिए भारत तमाम उभरते बाजारों में से सिर्फ एक बाजार है। भारत उनके लिए अकेला बाजार नहीं हैं। ऐसे में वे स्थितियां साफ होने तक अपना निवेश रोक सकते हैं। ये उनके लिए सिर्फ एक प्रोफेशन फैसला है। इसमें हमें कुछ और खोजने की जरूरत नहीं है।
वास्तव में इलेक्शन पर बाजार का नजरिया सिर्फ ये होना चाहिए की वर्तमान सरकार फुल मोजोरिटी से वापस लौटेगी की नहीं। हमें ये नहीं देखना चाहिए कि वर्तमान सरकार 400 के पार जाएगी की नहीं। हमारा फोकस सिर्फ इस बात पर होना चाहिए की सरकार की फुल मेजोरिटी के साथ वापसी हो रही है कि नहीं।
बाजार दे रहा कुछ संकेत, उनको समझें
बाजार से मिल रहे संकेतों से ऐसा कहीं से नहीं लगता की वर्तमान सरकार को कोई खतरा है। अगर बाजार को इस तरह का कोई डर होता तो वह ऑल टाइम हाई पर नहीं होता। फंडों ने खरीदारी रोक दी होती। एसआईपी थम गई होती। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। इसका मतबल है कि बाजार ये मानकर चल है कि एनडीए सरकार की ही फिर से वापसी हो रही है।
एफआईआई की बिकवाली को इलेक्शन के नतीजों से न जोड़ें
जहां तक एफआईआई की बिकवाली की बात है तो एफआई की बिकवाली इसलिए हो रही है क्योंकि उनके लिए अमेरिका में ऑर्बिट्राज मौके ज्यादा हैं। अगर एफआईआई को अमेरिका में ही 5.5-6.0 फीसदी ब्याज का फायदा मिल रहा है तो वह दूसरी तरफ रुख क्यों करेगा। उनके लिए तो लाइफ हाई पर खड़ा भारतीय बाजार मुनाफावसूली का अच्छा मौका दे रहा है। ऐसे में वे भारत से कमाया मुनाफा अमेरिका में लगा रहे हैं। ऐसे में एफआईआई की बिकवाली को इलेक्शन के नतीजों से जोड़ कर न देखें।
निवेशक हर गिरावट में करें खरीदारी
अगर आप ट्रेडर हैं तो अलग बात है। लेकिन अगर आप निवेशक हैं तो इस वोलैटिलिटी में हर गिरावट पर खरीदारी करें। अगर आप निवेशक हैं तो इलेक्शन के नतीजों को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं। चाहे एनडीए की सरकार बने या इंडिया गठबंधन की निवेशकों को लंबी अवधि में फायदा ही होने वाला है। लेकिन इसके लिए शर्त ये है कि आपके पोर्टफोलियों में क्वालिटी शेयर होने चाहिए। मार्केट ऑलटाइम हाई पर है ऐसे में कमजोर शेयरों में भी अगर आपको फायदा हो रहा है तो उनको बेच कर निकल जाइए और इस वोलैटिलिटी में हर गिरावट में क्वालिटी शेयरों को जोड़ें।
ट्रेडर हैं तो हर शाम अपनी पोजीशन काटें
वहीं, अगर आप ट्रेडर हैं तो आपको अपनी पोजीशन हर शाम को काट लेनी चाहिए क्योंकि अगले दिन क्या होने वाला है इसका अंदाजा किसी को भी नहीं हैं।
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