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इस AC कंपनी के शेयरों में क्यों लगा 20% का अपर सर्किट? रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा भाव

Johnson Controls-Hitachi Air Conditioning India Shares Price: जॉनसन कंट्रोल्स-हिताची एयर कंडीशनिंग इंडिया के शेयरों में आज 24 मई को 20 प्रतिशत का अपर सर्किट लगा और शेयर 1,486 रुपये के अपने नए रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। कंपनी के शेयरों में यह तेजी उसके मार्च तिमाही के शानदार नतीजों के बाद आई है। इस साल की शुरुआत से अबतक जॉनसन कंट्रोल्स-हिताची के शेयरों में करीब 33 फीसदी की तेजी आ चुकी है। जबकि इसके मुकाबले बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी में इस दौरान सिर्फ 5 फीसदी की तेजी आई है।

आंकड़ों के मुताबिक, फिलहाल जॉनसन कंट्रोल्स के शेयर अपने अपने न्यूनतम प्राइस-टू-बुक वैल्यू, 5.11 पर कारोबार कर रहे हैं। जबकि इसकी प्रतिद्वंदी कंपनी वोल्टास के शेयर 7.33 के P/B रेशियो, ब्लूस्टार 12 के P/B रेशियो और अंबर एंटरप्राइजेज 6 के पीबी रेशियो पर कारोबार कर रहे हैं।

जॉनसन कंट्रोल्स-हिताची ने बताया कि मार्च तिमाही में उसका रेवेन्यू सालाना आधार पर 50 फीसदी बढ़कर 771 करोड़ रुपये रहा, जो इसके पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 547 करोड़ रुपये था। वहीं कंपनी ने मार्च तिमाही में 48 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कंपनी 1 करोड़ रुपये के घाटे में रही थी।

 

सेगमेंट वाइज बात करें, तो कंपनी का कूलिंग प्रोडक्ट्स का रेवेन्यू मार्च तिमाही में 41 फीसदी बढ़कर 760 करोड़ रुपये रहा। हालांकि इसका डिजाइन और डेवलपमेंट सर्विसेज से रेवेन्यू मार्च तिमाही में 1 फीसदी घटकर 178 करोड़ रुपये रहा। इस बीच, जॉनसन कंट्रोल्स-हिताची का कुल खर्च 30 फीसदी बढ़कर 707 करोड़ रुपये रहा, जो इसके पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 545 करोड़ रुपये था।

जॉनसन कंट्रोल्स को हिताची के नाम से जाना जाता है। यह इलेक्ट्रॉनिक होम सॉल्यूशन बनाने वाली प्रमुख कंपनियों में से एक है। कंपनी के प्रोडक्ट्स में में विंडो एसी, स्प्लिट एसी, टावर और पैकेज्ड एयर कंडीशनर, 2- और 3-डोर रेफ्रिजरेटर के साथ-साथ पूरी तरह से ऑटोमेटिक मशीनें भी शामिल हैं।

मार्च तिमाही के दौरान, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी पिछली तिमाही के 0.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.5 प्रतिशत कर दी है। हालांकि, म्यूचुअल फंड ने इस दौरान अपनी हिस्सेदारी को घटाकर 8.1 प्रतिशत कर दिया, जो दिसंबर तिमाही के अंत में 8.5 फीसदी था।

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