अलग-अलग मोर्चे पर मुसीबत झेल रही फिनटेक कंपनी पेटीएम ने अब पोस्टपेड लोन सर्विस को पूरी तरह से बंद करने का फैसला लिया है। इसके अलावा लेंडर्स के लिए पर्सनल लोन पर कलेक्शन सर्विसेज भी बंद कर दी गई है। वहीं, कंपनी अब लोन सिर्फ डिस्ट्रिब्यूशन आधारित क्रेडिट मॉडल पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रही है।
पेटीएम को मिलता है कमीशन
वर्तमान में पेटीएम बैंकों और नॉन-बैंकिंग प्लेटफॉर्म यानी एनबीएफसी के साथ साझेदारी कर लोन बांटती और कलेक्ट करती है। इसके बदले में पेटीएम को डिस्ट्रिब्यूशन कमीशन और बोनस कलेक्शन मिलता है। पेटीएम का कलेक्शन कमीशन इस पर निर्भर करता है कि ग्राहक कितना भुगतान करते हैं। हालांकि, साझेदारी की शर्तें प्रत्येक लेंडर्स के साथ अलग-अलग होती हैं। इसके तहत पेटीएम दोनों सेवाओं या सिर्फ एक के लिए जिम्मेदार हो सकता है। पिछले साल दिसंबर में कंपनी प्रबंधन ने उद्योग भर में असुरक्षित ऋण देने पर आरबीआई की चिंताओं के बाद अपने छोटे टिकट पोस्टपेड लोन (₹50,000 से कम) को स्लो करने की घोषणा की थी।
कैसे रहे मार्च तिमाही के नतीजे
इस बीच, पेटीएम की पैरेंट कंपनी-वन97 कम्युनिकेशंस का वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में घाटा बढ़कर 550 करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल इसी अवधि में घाटा 167.5 करोड़ रुपये था। कंपनी के मुताबिक चौथी तिमाही के परिणाम यूपीआई लेनदेन पर अस्थायी व्यवधान और पीपीबीएल प्रतिबंध के कारण स्थायी व्यवधान से प्रभावित हुए। पेटीएम ने 2,267 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जो वार्षिक आधार पर तीन प्रतिशत की मामूली गिरावट है।
बता दें कि आरबीआई ने 15 मार्च से व्यापारियों सहित ग्राहकों के हित को ध्यान में रखते हुए पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) को किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट और फास्टैग में जमा, क्रेडिट लेनदेन या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया है। कंपनी ने बताया कि तिमाही में कंपनी ने पीपीबीएल में 39 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 227 करोड़ रुपये के निवेश को बट्टे खाते में डाल दिया।