मुकेश अंबानी के रिलायंस समूह की कंपनी- जियो फाइनेंशियल सर्विसेज में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को बढ़ाकर 49 प्रतिशत किए जाने के प्रस्ताव पर शेयरधारकों से मंजूरी लेने की तैयारी है। कंपनी ने गुरुवार को शेयर बाजार को यह जानकारी दी। इस खबर के बीच शेयर पर निवेशक टूट पड़े। जियो फाइनेंशियल के शेयर 3 फीसदी चढ़कर 367.85 रुपये पर बंद हुए। कारोबार के दौरान शेयर की कीमत 5 फीसदी चढ़कर 376 रुपये पर पहुंच गई।
क्या कहा कंपनी ने
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा कि प्रमुख निवेश कंपनी (सीआईसी) के रूप में तब्दील होने के बाद उसकी इक्विटी शेयर पूंजी में 49 प्रतिशत तक विदेशी निवेश (विदेशी पोर्टफोलियो निवेश सहित) को मंजूरी देने के लिए शेयरधारकों के ऑनलाइन मतदान का एजेंडा रखा गया है। जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा कि यह निर्णय नियामकीय मंजूरी के अधीन होगा। प्रस्ताव पर मतदान करने के लिए पात्र शेयरधारकों के निर्धारण के लिए कट-ऑफ तारीख 17 मई तय की गई थी। इसमें कहा गया है कि ई-मतदान सुविधा 24 मई से 22 जून तक उपलब्ध रहेगी।
बदलाव के लिए मंजूरी
इसके अलावा, उसने कंपनी के संगठन संबंधी नियमों के प्रावधान में बदलाव के लिए भी मंजूरी मांगी है। अक्टूबर 2020 में जारी एकीकृत एफडीआई नीति के मुताबिक वित्तीय सेवा गतिविधियों में लगी कंपनी में स्वत: मंजूर मार्ग के तहत 100 प्रतिशत तक एफडीआई की मंजूरी है। ऐसे में कंपनी को किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं थी। बता दें कि आरबीआई ने कंपनी के शेयरधारिता तरीके और नियंत्रण में बदलाव के लिए अपनी मंजूरी देते समय कुछ शर्तें रखी थीं। उसी के अनुरूप कंपनी ने एनबीएफसी से सीआईसी में बदलने के लिए एक आवेदन पेश किया है। इसमें कहा गया है कि सीआईसी में विदेशी निवेश को सरकारी अनुमोदन मार्ग के तहत अनुमति लेनी होती है।
27 दिसंबर को हुई थी बैठक
बता दें कि कंपनी के निदेशक मंडल ने 27 दिसंबर, 2023 को हुई अपनी बैठक में कंपनी के सीआईसी में बदलाव पर प्रभावी 49 प्रतिशत तक कंपनी की इक्विटी शेयर पूंजी में विदेशी निवेश (विदेशी पोर्टफोलियो निवेश सहित) को पहले ही मंजूरी दी है। इसके अलावा, कंपनी ने राम वेदश्री को कंपनी के स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त करने की भी मंजूरी मांगी है।