आरबीआई सरकार को 2,10,874 करोड़ रुपये बतौर सरप्लस ट्रांसफर करेगा। यह पैसा फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए होगा। आरबीआई ने 22 मई को यह जानकारी दी। सरकार को डिविडेंड के ट्रांसफर के लिए 22 मई को आरबीआई के बोर्ड की एक बैठक हुई, जिसमें यह फैसला लिया गया। आरबीआई ने कहा है कि FY24 का सरप्लस ट्रांसफर इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क (ECF) पर आधारित है। बिमल जालान कमेटी की सिफारिश पर सरकार ने इस फ्रेमवर्क को 26 अगस्त, 2019 को स्वीकार किया था।
डिविडेंड सरकार की उम्मीद से ज्यादा
2024-25 में ट्रांसफर होने वाला यह डिविडेंड (Dividend) सरकार की उम्मीद से काफी ज्यादा है। यह ट्रांसफर FY24 के लिए है, लेकिन सरकार के FY25 के अकाउंट में दिखेगा। ज्यादा डिविडेंड से सरकार के लिक्विडिटी सरप्लस को सपोर्ट मिलेगा। इससे सरकार ज्यादा खर्च कर पाएगी। सरकार ने 2024-25 के लिए बजट में 1.02 लाख करोड़ रुपये डिविडेंड का अनुमान लगाया था। यह 2023-24 के 1.04 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 2.3 फीसदी कम था।
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने लिया फैसला
इससे पहले मनीकंट्रोल ने खबर दी थी कि केंद्रीय बैंक सरकार को FY25 के लिए 85,000 करोड़ रुपये से 1 लाख करोड़ रुपये डिविडेंड का ट्रांसफर कर सकती है। केंद्रीय बैंक के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 608वें बैठक में डिविडेंड ट्रांसफर का फैसला लिया गया।
मीटिंग में कई बड़े अधिकारी शामिल
आरबीई के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में डिप्टी गवर्नर्स माइकल देबब्रत पात्रा, एम राजेश्वर राव, टी रबी शंकर और स्वामीनाथन जे शामिल हुए। इसके अलावा सेंट्रल बोर्ड का डायरेक्टर्स सतीश के मराठे, रेवती अय्यर, आनंद गोपाल महिंद्रा, वेणु श्रीनिवासन, पंकज रमणभाई पटेल और रवींद्र एच ढोलकिया शामिल थे।