Adani Group Shares: अदाणी ग्रुप के प्रमुख शेयरों ने बुधवार 22 मई को शुरुआती कारोबार के दौरान आई अधिकतर गिरावट की बाद में भरपाई कर ली। कंपनी के शेयरों में यह गिरावट एक न्यूज रिपोर्ट के बाद आई, जिसमें कहा गया था कि अदाणी ग्रुप ने एक सरकारी बिजली कंपनी को अधिक स्वच्छ और महंगा ईंधन बताकर खराब क्वालिटी वाले कोयले बेचे हैं। इस रिपोर्ट को फाइनेंशियल टाइम्स ने प्रकाशित किया है। अखबार ने कहा कि उसे ‘ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP)’ की ओर से जुटाए गए सबूत मिले हैं। ये सबूत बताते हैं कि अदाणी ग्रुप ने धोखाधड़ी करके कोयले की कीमतों को बढ़ाया है।
अदाणी ग्रुप की सबसे प्रमुख कंपनी, अदाणी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) के शेयर शुरुआती कारोबार में 1.4 प्रतिशत तक गिए गए थे। हालांकि बाद में यह अपने नुकसान की भरपाई करते हुए सपाट भाव कारोबार कर रहा है।
अदानी पोर्ट्स (Adani Ports) के शेयरों में भी शुरुआती कारोबार के दौरान 1.5 प्रतिशत की गिरावट आई, लेकिन बाद में यह गिरावट कम हुई। दोपहर 1 बजे के करीब, NSE पर शेयर 0.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,378.85 रुपये प्रति शेयर पर थे।
फाइनेंशियल टाइम्स ने कुछ इनवॉयसेज का हवाला देते हुए बताया कि, अदाणी ग्रुप ने जनवरी 2014 में इंडोनेशिया से 3,500 कैलोरी प्रति किलोके भाव कोयला खरीदा था। ग्रुप ने यह कोयला इंडोनेशिया की माइनिंग कंपनी पीटी झोनलिन से खरीदा था, जो अपने लो-क्वालिटी वाले कोयले के लिए जानी जाती है और इसकी कीमत 28 डॉलर प्रति टन है।
फाइनेंशियल टाइम्स ने बताया कि इस शिपमेंट को तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (Tangedco) को 6,000 कैलोरी प्रति किलो वाला हाई क्वालिटी कोयला बताकर बेचा गया। इसे औसतन 86 डॉलर प्रति टन की कीमत पर बेचा गया, जो कीमतों में 207 प्रतिशत की बढ़ोतरी को दिखाता है।
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि अदाणी ग्रुप ने 2014 में 22 दूसरे शिपमेंट में भी कोयले के ग्रेड को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया था और टैंगेडको को 15 लाख टन कोयला सप्लाई की गई।
फाइनेंशियल टाइम्स ने कहा कि माल ढुलाई और दूसरे लागतों को अगर निकाल दिया जाए, तो अदाणी ग्रुप ने साजिशकर्ताओं के साथ मिलकर प्रति टन 46 डॉलर का मुनाफा कमाया और 22 शिपमेंट्स पर यह मुनाफा करीब 7 करोड़ डॉलर (करीब 582 करोड़ रुपये) आता है।
हालांकि अदाणी ग्रुप ने इन आरोपों से इनकार किया है। ग्रुप के एक प्रवक्ता ने फाइनेंशियल टाइम्स से कहा, “सप्लाई किए गए कोयले को कई एजेंसियों से होकर गुजरना पड़ता है, जो कई बिंदुओं पर इसके क्वालिटी की जांच करती है। इसलिए यह साफ है कि कम क्वालिटी वाले कोयले की सप्लाई का आरोप न केवल निराधार और गलत है, बल्कि पूरी तरह से बेतुका है।”