दिग्गज प्राइवेट इक्विटी कंपनी वारबर्ग पिंकस ने ओपन मार्केट ट्रांजैक्शन के माध्यम से टायर बनाने वाली अपोलो टायर्स में अपनी पूरी 3.54 प्रतिशत हिस्सेदारी 1,073 करोड़ रुपये में बेच दी। अमेरिका स्थित वारबर्ग पिंकस ने अपनी इकाई व्हाइट आइरिस इन्वेस्टमेंट के माध्यम से बीएसई में 14 थोक सौदों के माध्यम से गुरुग्राम स्थित अपोलो टायर्स के शेयर को बेचा।
कुल 2,24,74,903 शेयर बेचे
बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, व्हाइट आइरिस इन्वेस्टमेंट लिमिटेड ने अपोलो टायर्स के कुल 2,24,74,903 शेयर बेचे। शेयरों को 477.35 रुपये प्रति शेयर की औसत कीमत पर बेचा गया। इससे लेनदेन का मूल्य 1,072.84 करोड़ रुपये हो गया। अहम बात है कि यह बिक्री डिस्काउंट पर हुई है। अभी शेयर की कीमत 490 रुपये के स्तर पर है। शेयरों के खरीदारों में कई घरेलू म्यूचुअल फंड (एमएफ), एक बीमा कंपनी और विदेशी निवेशक शामिल थे।
शेयरधारिता आंकड़ों के अनुसार मार्च 2024 तक की स्थिति के अनुसार व्हाइट आइरिस इन्वेस्टमेंट लि. के पास अपोलो टायर्स में 3.54 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। बता दें कि पिछले साल दिसंबर में वारबर्ग पिंकस ने कई थोक सौदों के जरिए अपोलो टायर्स में 4.5 प्रतिशत हिस्सेदारी 1,281 करोड़ रुपये में बेची थी।
कैसे रहे मार्च तिमाही के नतीजे
वित्त वर्ष 2023-24 की मार्च तिमाही में अपोलो टायर्स का नेट प्रॉफिट 14 प्रतिशत घटकर 354 करोड़ रुपये रह गया है। कंपनी ने इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 410 करोड़ रुपये का प्रॉफिट दर्ज किया था। इस अवधि में परिचालन आय 6,258 करोड़ रुपये रही, जो 2022-23 की चौथी तिमाही में 6,247 करोड़ रुपये थी।
डिविडेंड का भी ऐलान
पूरे वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान टायर विनिर्माता का प्रॉफिट सालाना आधार पर 65 प्रतिशत बढ़कर 1,722 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान परिचालन आय तीन प्रतिशत बढ़कर 25,378 करोड़ रुपये रही। कंपनी के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्रति शेयर छह रुपये (600 प्रतिशत) के लाभांश की सिफारिश की है।