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Mutual Funds: भारत में इंवेस्टमेंट के लिए किस प्रकार के म्यूचुअल फंड हैं मौजूद?

म्यूचुअल फंड ऐसे निवेश साधन हैं जो कई इंवेस्टर्स के पैसों को एक साथ जमा करते हैं और फिर उस राशि का उपयोग बॉन्ड, स्टॉक या दोनों को मिलाकर सिक्योरिटीज खरीदने के लिए करते हैं। प्रोफेशनल फंड मैनेजर इन म्यूचुअल फंड को मैनेज करते हैं। म्यूचुअल फंड को मुख्य रूप से उनकी एसेट्स और निवेश के उद्देश्यों के आधार पर 5 कैटेगरी में डिवाइड किया जाता है। आइए अलग-अलग प्रकार के म्यूचुअल फंड को थोड़ा और विस्तार से समझें।

इक्विटी म्यूचुअल फंड

ये फंड मुख्य रूप से कंपनियों के शेयरों या इक्विटी में निवेश करते हैं। इन्हें आगे मार्केट कैपिटलाइजेशन (लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप) के आधार पर डिवाइड किया जाता है। लार्ज कैप वाले म्यूचुअल फंड 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों में निवेश करते हैं। मिड-कैप म्यूचुअल फंड भारत में मिड-साइज की कंपनियों में इंवेस्ट करते हैं। वहीं, स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड छोटे मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों में इंवेस्ट करने में विशेषज्ञता रखते हैं, जो आमतौर पर 5,000 करोड़ रुपये से कम होते हैं।

डेट म्यूचुअल फंड

डेट फंड मुख्य रूप से सरकारी या कॉर्पोरेट बॉन्ड जैसी निश्चित आय वाली सिक्योरिटीज में इंवेस्ट करते हैं। ये फंड कम खतरे के साथ नियमित आय देने का लक्ष्य रखते हैं। कुछ सामान्य प्रकार के डेट फंडों में शामिल हैं: अल्ट्रा-शॉर्ट-ड्यूरेशन फंड, शॉर्ट-ड्यूरेशन फंड, मीडियम-ड्यूरेशन फंड, लॉन्ग-ड्यूरेशन फंड और गिल्ट फंड।

लिक्विड फंड

लिक्विड फंड उन इंवेस्टर्स के लिए बढ़िया हैं जो हाई लिक्विडिटी और कम खतरे के साथ शॉर्ट-टर्म इंवेस्टमेंट ऑप्शन की तलाश में हैं।

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड

हाइब्रिड या बैलेंस्ड फंड इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट्स के मिश्रण में निवेश करते हैं। इक्विटी और डेट के बीच का आवंटन फंड के निवेश उद्देश्य के आधार पर अलग होता है। हाइब्रिड म्यूचुअल फंडों के कुछ सामान्य प्रकार नीचे दिए गए हैं:

– कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड

– एग्रेसिव हाइब्रिड फंड

– बैलेंस्ड एडवांटेज फंड

इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS)

इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम म्यूचुअल फंड की एक खास कैटेगरी है, जो आपको टैक्स बचाने में मदद करती है। ये फंड इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत टैक्स छूट का फायदा देते हैं। ELSS फंड मुख्य रूप से शेयरों और शेयरों से जुड़े साधनों में निवेश करते हैं और इनमें तीन साल का लॉक-इन पीरियड होता है। ELSS फंड के कुछ अलग-अलग प्रकार होते हैं:

* डाइवर्सिफाइड ELSS फंड

* लार्ज-कैप ELSS फंड

* मिड-कैप ELSS फंड

* स्मॉल-कैप ELSS फंड

* सेक्टर-स्पेसिफिक ELSS फंड

डिस्क्लेमर: stock market news पर दी गई राय एक्सपर्ट की निजी राय होती है। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। यूजर्स को stock market news की सलाह है कि निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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