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IRFC Dividends: आईआरएफसी देगी हर शेयर पर 0.7 रुपये का डिविडेंड, सरकार को होगी ₹790 करोड़ की कमाई

IRFC Dividends: भारत सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी (IRFC) ने सोमवार को मार्च तिमाही के नतीजों के साथ डिविडेंड बांटने का भी ऐलान किया। कंपनी ने बताया कि उसके बोर्ड ने हर शेयर पर 0.7 रुपये का डिविडेंड देने की सिफारिश की है। इससे पहले कंपनी 0.8 रुपये प्रति शेयर का अंतरिम डिविडेंड जारी कर चुकी है। इस तरह वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का कुल डिविडेंड 1.5 रुपये प्रति शेयर हो गया है। इससे पहले वित्त वर्ष 2023 में भी कंपनी ने हर शेयर पर 1.5 रुपये का डिविडेंड दिया था।

IRFC जनवरी 2021 में शेयर बाजारों में लिस्ट हुई थी। लिस्टिंग के तुरंत बाद कंपनी ने 1.05 प्रति शेयर के अंतरिम डिविडेंड का ऐलान किय था। इसके बाद वित्त वर्ष 2022 में इसने 1.5 रुपये प्रति शेयर का भुगतान किया गया।

कंपनी ने बताया कि डिविडेंड बांटने के फैसले पर अभी सालाना जनरल मीटिंग (AGM) के दौरान शेयरधारकों की मंजूरी लिया जाना बाकी है। आगामी AGM की तारीख अभी तय नहीं की गई है। AGM में डिविडेंड को मंजूरी मिलने के बाद, इसे 30 दिनों के भीतर शेयरधारकों को भुगतान किया जाएगा।

 

IRFC की सबसे बड़ी शेयरधारक केंद्र सरकार है। मार्च तिमाही तक के शेयरहोल्डिंग आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र सरकार के पास कंपनी में 86.36% हिस्सेदारी है। इसका मतलब है कि IRFC के इस डिविडेंड ऐलान से केंद्र सरकार को करीब 790 करोड़ रुपये मिलेंगे।

अगर 902 करोड़ रुपये के अंतरिम डिविडेंड को जोड़ दें तो, IRFC ने वित्त वर्ष 2024 में सरकार को डिविडेंड के तौर पर कुल 1,700 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

डिविडेंड के अलावा, IRFC के बोर्ड ने कंपनी को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार से 50,000 करोड़ रुपये तक के फंड जुटाने को भी मंजूरी दे दी है। इन फंड्स को टैक्स फ्री बॉन्ड्स, टैक्सेबल बॉन्ड, कैपिटल गेंस बॉन्ड, सरकारी गारंटी वाले बॉन्ड या किसी अन्य तरीके से जुटाया जाएगा।

IRFC के शेयर आज मंगलवार 21 मई को शुरुआती कारोबार में 3 फीसदी से अधिक की छलांग लगाकर 179.05 रुपये के भाव पर पहुंच गए। कंपनी के शेयरों में इस साल अबतक करीब 77 फीसदी की तेजी आ चुकी है। वहीं पिछले एक साल में इस कंपनी ने 434.63 फीसदी का शानदार मल्टीबैगर रिटर्न दिया है।

मौजूदा बाजार भाव पर IRFC का मार्केट कैप 2.26 लाख करोड़ है, जो निफ्टी-50 में शामिल करीब एक तिहाई कंपनियों के मार्केट कैप से अधिक है। साथ ही इसकी गिनती आज देश के सबसे अधिक मूल्यवान सरकारी कंपनियों में होती है।

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