रिजर्व बैंक का कहना है कि दूसरी छमाही में 4% इनफ्लेशन का टारगेट हासिल किया जा सकता है। रिजर्व बैंक के हालिया मंथली बुलेटिन में यह बात कही गई है। रिजर्व बैंक के बुलेटिन में कहा गया है, ‘ इस साल की दूसरी छमाही में ही इनफ्लेशन टारगेट टिकाऊ बना रह सकता है और 2025-25 के दौरान भी आंकड़ा टारगेट के आसपास रह सकता है।’
केंद्रीय बैंक ने 4 पर्सेंट का इनफ्लेशन टारगेट तय किया है और इसमें 2 पर्सेंट की गुंजाइश (ऊपर-नीचे) रखी गई है। इसमें आगे कहा गया है कि सांख्यिकी बेस इफेक्ट की वजह से जुलाई-अगस्त में हेडलाइन इनफ्लेशन को कम करने में मदद मिल सकती है और सितंबर में ट्रेंड उलट सकता है। मंथली बुलेटिन के इस लेख के सह-लेखकों में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा भी शामिल हैं। बहरहाल, रिजर्व बैंक की तरफ से जारी रिलीज में कहा गया है कि इस लेख में व्यक्त किए गए विचार केंद्रीय बैंक के की आधिकारिक राय नहीं है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की तरफ से 13 मई को जारी आंकड़ों के मुताबिक, ‘अप्रैल में भारत का हेडलाइन रिटेल इनफ्लेशन 4.83 पर्सेंट रहा और मोटे तौर पर इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ। मार्च में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) इनफ्लेशन 10 महीने के निचले स्तर पर 4.85 पर्सेंट था। अप्रैल में भले ही इनफ्लेशन 11 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया, लेकिन लगातार 55वें महीने यह 4 पर्सेंट के मीडियम टर्म टारगेट से ऊपर है।
बुलेटिन में कहा गया है कि अप्रैल में फूड इनफ्लेशन बढ़कर 7.9 पर्सेंट हो गया, जबकि मार्च में यह 7.7 पर्सेंट था। इस दौरान अनाज, मांस, मछली और फलों की कीमतों में तेजी रही, जबकि अंडा, दूध, सब्जियों, दाल, चीनी, मसाले आदि की कीमतों में गिरावट रही।