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SBI Mutual Fund ने लॉन्च किया पहला एक्टिव ऑटो फंड, क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए?

एसबीआई म्यूचुअल फंड ने ‘एसबीआई ऑटोमोटिव अपॉर्चुनिटीज फंड’ लॉन्च किया है। यह एनएफओ 17 मई को खुल गया है। इसमें 31 तक निवेश किया जा सकता है। यह इंडिया का पहला ऐसा एक्टिव म्यूचुअल फंड स्कीम है, जो ऑटोमोटिव और उससे जुड़ी कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश करेगी। एसबीआई म्यूचुअल फंड इंडिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) है। पहले से मार्केट में मिराए म्यूचुअल फंड का ऐसा एक फंड है, जिसका नाम मिराए एसेट ग्लोबल इलेक्ट्रिक एंड ऑटोनोमस व्हीकल्स ईटीएफ एफओएफ है। लेकिन, यह फंड ग्लोबल कंपनियों में इनवेस्ट करता है।

म्यूचुअल फंड कंपनियों के ट्रांसपोर्टेशन एंड लॉजिस्टिक्स फंड ऑटोमोटिव कंपनियों के स्टॉक्स में काफी इनवेस्ट करते हैं। लेकिन, वे एयरलाइंस और शिपिंग जैसे सेक्टर्स में भी निवेश करते हैं। SBI Automotive Opportunities Fund अपने 80 फीसदी पैसे का निवेश ऑटोमोटिव और उससे संबंधित कंपनियों के स्टॉक्स में करेगा। 0 से 20 फीसदी पैसे का निवेश डेट इंस्ट्रूमेंट्स और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में करेगा। 0-10 फीसदी का निवेश रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) और इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs) की यूनिट्स में करेगा।

यह फंड 35 फीसदी निवेश ग्लोबल कंपनियों के स्टॉक्स में कर सकता है। इसका बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी ऑटो टोटल रिटर्न इंडेक्स (TRI) होगा। इस फंड के देखते हुए इसके पोर्टफोलियो में ऑटो कंपोनेंट्स एंड इक्विपमेंट, कास्टिंग एंड फोर्जिंग्स, टायर एंड रबर प्रोडक्ट्स, पैसेंजर कार्स एंड यूटिलिटी व्हीकल्स और टू/थ्री व्हीलर्स और कमर्शियल व्हीकल्स कंपनियों के स्टॉक्स शामिल हो सकते हैं।

 

तन्मय देसाई और प्रदीप केसवन इस फंड के फंड मैनेजर्स होंगे। एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट के डिप्टी एमडी और ज्वाइंट सीईओ डीपी सिंह ने कहा, “मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम में ऑटो पार्ट्स और एंसिलियरी मैन्युफैक्चरिंग का करीब 30 फीसदी हिस्सेदारी है। इससे लंबी अवधि में इस फंड के पास इनवेस्टर्स के लिए वेल्थ-क्रिएशन का मौका होगा। पॉलिसी रिफॉर्म्स और डिफाइंड रोडमैप इंडिया के बढ़ते ऑटोमोटिव इकोसिस्टम का फायदा उठाने के मौके पेश करेंगे।”

क्या आपको निवेश करना चाहिए?

किसी सेक्टर फंड में निवेशक को तभी निवेश करना चाहिए, जब उस सेक्टर के आउटलुक को लेकर वह काफी पॉजिटिव है। ऐसे फंड के बेहतर प्रदर्शन के लिए लंबा टाइम फ्रेम जरूरी है। एक्सिअम फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ दीपक छाबरिया ने कहा, “जो इनवेस्टर्स किसी सेक्टर से जुड़े रिस्क को बर्दाश्त कर सकते हैं उन्हें ही ऐसे फंड में निवेश करना चाहिए। उन्हें ऐसे फंड की तुलना डायवर्सिफायड या मल्टी-कैप फंड से नहीं करनी चाहिए। ”

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