शेयर बाजार में 18 मई को आयोजित स्पेशल ट्रेडिंग सेशन में भी बुल्स का कंट्रोल रहा और सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए। निफ्टी 50 2 मई के बाद पहली बार 22,500 के पार बंद हुआ। वीकली चार्ट के हिसाब से बाजार में आगे भी तेजी रहने के आसार नजर आ रहे हैं। निफ्टी 50 सूचकांक 18 मई को 36 अंक यानी 0.16 पर्सेंट बढ़कर 22,502 पर पहुंच गया। लिहाजा, निवेशक इसके निकट भविष्य में 22,600 की तरफ जाने की उम्मीद जता रहे हैं, जबकि सपोर्ट लेवल 22,300-22,200 रह सकता है।
लोकसभा चुनावों की वजह से 20 मई को शेयर बाजार बंद था। हम आपको यहां कुछ अहम डेटा प्वाइंट्स के बारे में बता रहे हैं, ताकि आपको ट्रेडिंग में प्रॉफिट हासिल करने में मदद मिले :
1) निफ्टी 50 के लिए अहम लेवल
अहम प्वाइंट्स के आधार पर रेजिस्टेंस: 22,507, 22,529, और 22,548
अहम प्वाइंट्स के आधार पर सपोर्ट: 22,507, 22,529, और 22,548
2) बैंक निफ्टी के लिए अहम लेवल
अहम प्वाइंट्स के आधार पर रेजिस्टेंस: 48,210, 48,247, और 48,291
अहम प्वाइंट्स के आधार पर सपोर्ट: 48,133, 48,106, और 48,062
3) निफ्टी कॉल ऑप्शंस डेटा
वीकली ऑप्शंस डेटा के मुताबिक, 23,000 स्ट्राइक का आंड़ा मैक्सिसम कॉल ओपन इंटरेस्ट के लिए बना रहा। यह लेवल शॉर्ट टर्म में निफ्टी के लिए अहम रेजिस्टेंस लेवल बना रह सकता है। इसके बाद स्ट्राइक 22,500 और 22,800 था।
4) निफ्टी पुट ऑप्शंस डेटा
पुट साइड में मैक्सिमम ओपन इंटरेस्ट 21,500 स्ट्राइक के लेवल पर रहा, जो निफ्टी के लिए अहम सपोर्ट लेवल के तौर पर काम कर सकता है। इसके बाद स्ट्राइक 22,400 और 22,000 रहा।
5) बैंक निफ्टी कॉल ऑप्शंस डेटा 48,500
मैक्सिमम कॉल ओपन इंटरेस्ट 48,500 स्ट्राइक के लेवल पर रहा। यह लेवल शॉर्ट टर्म में अहम रेजिस्टेंस लेवल के तौर पर काम कर सकता है। इसके बाद स्ट्राइक का लेवल 48,000 और 49,000 रहा।
6) बैंक निफ्टी पुट ऑप्शंस डेटा
पुट साइड की बात करें, तो मैक्सिमम ओपन इंटरेस्ट का लेवल 48,000 स्ट्राक रहा, जो इंडेक्स के लिए अहम सपोर्ट लेवल के तौर पर काम कर सकता है। इसके बाद लेवल 47,500 और 47,800 स्ट्राइक रहा।
7) लॉन्ग बिल्ड अप (63 स्टॉक)
कुल 63 स्टॉक में लॉन्ग बिल्ड-अप पाया गया, जिनमें इंडियन एनर्जी एक्सचेंज, BHEL, GAIL इंडिया, बाटा इंडिया और दीपक नाइट्रेट शामिल हैं। ओपन इंटरेस्ट (OI) और कीमतों में बढ़ोतरी से लॉन्ग पोजिशंस के बिल्ड-अप के संकेत मिलते हैं।
8) शॉर्ट बिल्ड-अप (30 स्टॉक)
30 शेयरों के ओपन इंटरेस्ट में बढ़ोतरी और कीमतों में गिरावट देखने को मिली, जो शॉर्ट पोजिशन के बिल्ड-अप का संकेत है।