सरकारी और संगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका लगा है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation – EPFO) ने कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट और डेथ ग्रेच्युटी (death gratuity) में बढ़ोतरी पर रोक लगा दी है। बता दें कि EPFO ने पिछले महीने जारी एक आदेश में कहा था कि रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और डेथ ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 25 फीसदी बढ़ा दिया है। यह 20 लाख से 25 लाख हो गई है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की वजह से यह बढ़ोतरी हुई थी।
7 मई को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी के कारण ग्रेच्युटी में बढ़ोतरी को तत्काल प्रभाव से रोकने का ऐलान किया था। आदेश में इस फैसले का कोई कारण नहीं बताया गया।
महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान
दरअसल, केंद्र सरकार ने मार्च 2024 में महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। इस बढ़ोतरी के बाद कर्मचारियों का बत्ता बेसिक सैलरी का 50 फीसदी हो गया। भत्ता 50 फीसदी होने के साथ ही केंद्र सरकार के कर्मचारियों के अलग-अलग तरह के कई भत्तों में भी इजाफा हुआ है। बता दें कि जब भी महंगाई भत्ते में इजाफा होता है तो इसके साथ ही किराया भत्ता (HRA) भी बढ़ जाता है। हालांकि, एचआरए (HRA) शहरों के कैटेगरी के हिसाब से बढ़ाया जाता है। सरकार ने X,Y Z शहरों के कैटेगरी में आने वाले कर्मचारियों के एचआरए में भी इजाफा किया है। 50 फीसदी तक DA बढ़ाए जाने के बाद, ग्रेच्युटी सीमा भी 20 लाख से बढ़ाकर 25 लाख कर दी गई। महंगाई भत्ता बढ़ने से बच्चों के शिक्षा भत्ते और हॉस्टस सब्सिडी की सीमा भी 25 फीसदी बढ़ गई।
गेच्युटी क्या है
गेच्युटी वो योजना है, जिसके तहत कंपनी अपने कर्मचारियों को देती है। इसके लिए जरूरी है कि कर्मचारी को कंपनी में कम से कम 5 साल या अधिक से अधिक सेवाएं दें। ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के अनुसार यह ग्रेच्युटी कर्मचारियों को तब दिया जाएगा, जब उसकी रिटायरमेंट हो या इस्तीफा दिया हो।