पैसे की अचानक जरूरत पड़ने पर लोन लेना पड़ सकता है। इसके कई विकल्प हैं। आप FD पर लोन, गोल्ड लोन या म्यूचुअल फंड पर कर्ज ले सकते हैं। पर्सनल लोन भी एक विकल्प है। सभी की अपनी खूबियां और खामियां हैं। ब्याज दर, कर्ज तत्काल मिलने की सहूलियत और कम दस्तावेज की जरूरत इसके पैमाने हैं। इस आधार पर शॉर्ट-टर्म लोन का कौन सा विकल्प बेहतर हो सकता है? आइए समझते हैं…
म्यूचुअल फंड लोन: बाजार से जुड़े जोखिम का ध्यान रखें
लोन के लिए सिक्युरिटी के तौर पर म्यूचुअल फंड का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी ब्याज दर अभी 12-14% है। इसमें लंबी अवधि का निवेश भी बना रहता है और जरूरी कैश भी मिल जाता है। हालांकि, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहता है। अगर लोन चुकाने से पहले म्यूचुअल फंड यूनिट्स की कीमत गिर जाती है, तो आपको लोन का अनुपात बनाए रखने के लिए अतिरिक्त यूनिट्स बेचने पड़ सकते हैं। इससे नुकसान हो सकता है। इस पहलू का हमेशा ध्यान रखना चाहिए।
पर्सनल लोन: ब्याज दरें ऊंची
पर्सनल लोन पर इस साल 17-18% तक ब्याज चुकाना पड़ रहा है। ये पैसे की तत्काल जरूरत पूरी करने के सबसे अच्छे विकल्पों में से एक हैं, पर इन्हें जल्द चुका देना चाहिए। लेकिन क्रेडिट कार्ड पर कर्ज लेने से बचें। इन पर सालाना 30% या इससे भी ज्यादा ब्याज देना पड़ता है। वैसे ब्याज दर के मामले में अन्य विकल्प बेहतर हैं।
FD पर लोन: कर्ज के साथ बचत भी बरकरार
आप बैंक FD को तोड़े बगैर उस पर लोन ले सकते हैं। इस तरह बैंक में जमा बचत बरकरार रखने के फायदे के साथ ही जरूरी नकदी भी मिल जाती है। FD लोन पर लागू ब्याज दरें (12-15%) भी पर्सनल लोन की तुलना में कम हैं। ये लोन भी आसानी से तत्काल मिल जाता है। साथ ही इसके लिए बैंक के पास ज्यादा दस्तावेज जमा करने की जरूरत भी नहीं होती।
गोल्ड लोन: ब्याज दरें कम
सोने की कीमतें 75,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने के चलते इन दिनों गोल्ड लोन आकर्षक हो गए हैं। गहने गिरवी रखने पर अब पहले से ज्यादा लोन मिलेगा। पर्सनल लोन की तुलना में इस पर कम दर (10-12%) से ब्याज लगता हैं। हालांकि यदि आप लोन चुकाने में चूक जाते हैं (डिफॉल्ट), तो आपका सोना जब्त किया जा सकता है। अतिरिक्त शुल्क भी लग सकते हैं।