निफ्टी-50 सूचकांक में सितंबर में होने वाली अगली बदलाव प्रक्रिया के दौरान टाटा समूह की रिटेलर ट्रेंट और सरकार के स्वामित्व वाली भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (बीईएल) के शामिल होने की संभावना है। नुवामा अल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के विश्लेषकों के अनुसार अगर इन शेयरों को इस सूचकांक में शामिल किया जाता है तो इनमें 3,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित हो सकता है।
इस बीच, एलटीआई माइंडट्री और दिवीज लैब्स के बाहर निकलने का अनुमान है। यदि इन्हें बाहर किया गया तो इन दोनों शेयरों में निफ्टी-50 सूचकांक से जुड़े पैसिव फंडों द्वारा 1,500 करोड़ रुपये की बिकवाली की जा सकती है। निफ्टी सूचकांक में शामिल किए जाने और हटाए जाने वाले शेयरों के आकलन की गणना जुलाई के अंत तक उनके बाजार पूंजीकरण के आधार पर की जाती है। इसकी आधिकारिक घोषणा अगस्त के मध्य में होती है और यह समायोजन 30 सितंबर से प्रभावी होता है।
हालांकि ऐसे कई शेयर हैं जो अपने बाजार पूंजीकरण के लिहाज से ट्रेंट और बीईएल से आगे हैं लेकिन वे डेरिवेटिव सेगमेंट में शामिल नहीं है। इसलिए सूचकांक में शामिल किए जाने के लिहाज से अयोग्य हैं।
नुवामा अल्टरनेटिव ऐंड क्वांटीटेटिव रिसर्च के प्रमुख अभिलाष पगारिया ने कहा, ‘ट्रेंट प्रमुख दावेदार है। इसके बाद बीईएल शामिल है। इस समय बीईएल के करीब एकमात्र शेयर हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स (एचएएल) है। यदि एचएएल का शेयर बीईएल की तुलना में 20 प्रतिशत ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करता है और जुलाई के अंत तक मजबूत बना रहता है तो उसके शामिल होने की संभावना ज्यादा रहेगी।’