केंद्र सरकार की पब्लिक सेक्टर बैंकों को मर्ज करने का कोई योजना नहीं है। सीएनबीसी-टीवी18 की खबर के मुताबिक, एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है। अधिकारी ने बताया, ‘ पब्लिक सेक्टर बैंकों को मर्ज करने की कोई योजना नहीं है।
हमें ऐसी किसी भी तरह की बातचीत की जानकारी नहीं है।’ भारत मेंं फिलहाल 12 सरकारी बैंक हैं। सरकार ने साल 2020 में पीएसयू बैंकों का मर्जर कर उनकी संख्या को कम किया था। उस समय कुल 10 सरकारी बैंकों को मर्जर के जरिये 4 बैंक में समेट दिया गया था।
मर्जर की प्रक्रिया के तहत पंजाब नेशनल बैंक में ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक का विलय किया गया था। केनरा बैंक में सिडेंकट बैंक को मर्ज किया गया था। इसके अलावा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने आंध्रा प्रदेश और कॉरपोरेशन बैंक का विलय किया था, जबकि इंडिया बैंक का विलय इलाहाबाद बैंक के साथ हुआ था। दिसंबर 2023 में इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि यूनियन बैंक और यूको बैंक का मर्जर हो सकता है।
इसके अलावा, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के विलय भी अटकलें थीं। बाद में वित्त मंत्रालय ने साफ किया था कि जिन दस्तावेजों के आधार पर इसकी बात की जा रही है, वह अधीनस्थ कानून से जुड़ी संसदीय कमेटी का मामला है और इसका बैंक मर्जर की पॉलिसी से कोई संबंध नहीं है।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी कहना था कि चर्चा अधीनस्थ कानून पर संसदीय समिति की एक नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है और यह विलय (Merger) के मुद्दे से जुड़ा नहीं है।