दिग्गज टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो इंफोकॉम (Jio Infocomm) ने स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए बयाना राशि के रूप में 3,000 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं। यह इसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी भारती एयरटेल (Bharti Airtel) की तरफ से जमा कराए गए अमाउंट से करीब तीन गुना अधिक है। इसका खुलासा डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस (DoT) के पास दाखिल डिटेल्स से हुआ है। DoT के मुताबिक भारती एयरटेल ने 1050 करोड़ जमा किए हैं जबकि वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) ने 300 करोड़ रुपये ही जमा किए हैं। पिछली स्पेक्ट्रम नीलामी में दूरसंचार विभाग को 21,800 करोड़ रुपये की बयाना राशि (अर्न्स्ट मनी डिपॉजिट- EMD) प्राप्त हुई थी। जुलाई 2022 में देश की पहली 5G नीलामी के दौरान सरकार को 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का रेवेन्यू हासिल हुआ था।
नजदीकी रिन्यूअल नहीं होने के बावजूद Jio ने जमा किए सबसे अधिक पैसे
जियो ने सबसे अधिक बयाना राशि ऐसे समय में भी जमा कराया है, जब इसके किसी भी लाइसेंस की रिन्यूअल अभी हाल-फिलहाल में नहीं होना है। वहीं दूसरी तरफ एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को 6 जून को आगामी नीलामी में कुछ सर्किलों में एयरवेव्स को रिन्यूअल करने की जरूरत पड़ेगी।
अगली नीलामी में 20 साल के लिए मिलेगा स्पेक्ट्रम राइट्स
जो नीलामी होनी है, उसमें सफल बोली लगाने वाले को 20 साल के लिए स्पेक्ट्रम राइट्स मिलेगा। इसमें सालाना 20 समान किश्तों में पेमेंट करने की मंजूरी मिलेगी। विभाग ने आने वाली नीलामी के लिए जियो को सबसे अधिक 21,363 एलिजिबिलिटी प्वाइंट्स आवंटित किए हैं। इसके बाद एयरटेल को 7,613 और वोडा आइडिया को 2,200 अंक अलॉट किए हैं। सभी टेलीकॉम कंपनियां एलिजिबिलिटी प्वाइंट्स और और स्पेक्ट्रम सीमा के आधार पर किसी भी सर्विस एरिया में किसी भी बैंड में बोली लगा सकती हैं।
टेलीकॉम विभाग 6 जून को 93,000 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगा। इसमें 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1,800 मेगाहर्ट्ज, 2,100 मेगाहर्ट्ज, 2,300 मेगाहर्ट्ज, 2,500 मेगाहर्ट्ज, 3,300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम बिक्री के लिए रखा जाएगा। DoT वेबसाइट पर मौजूद डिटेल्स के मुताबिक 31 दिसंबर, 2023 तक जियो की नेटवर्थ 2.31 लाख करोड़ रुपये और 6 मई 2024 तक एयरटेल की नेटवर्थ 86,260 करोड़ रुपये थी। वहीं 3 मई, 2024 तक वोडा आइडिया की नेटवर्थ निगेटिव 1.17 लाख करोड़ रुपये थी।