कोरोना वायरस का कोहराम अभी तक शांत नहीं हुआ है। पूरी दुनिया खौफ के साए में रहने के लिए मजबूर हो गई थी। इससे निपटने के लिए कोवैक्सीन और कोविशील्ड जैसी कई वैक्सीन लगाई गई थी। इस बीच कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स पूरी दुनिया के सामने आए हैं। वहीं अब कोवैक्सीन के साइड इफेक्ट्स भी सामने आने लगे हैं। इस मामले में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने एक स्टडी की है। इसमें बताया गया है कि कोवैक्सीन का सबसे ज्यादा असर महिलाओं पर पड़ा है। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि वैक्सीन लगाने के एक साल के बाद ठीक- ठाक संख्या में लोगों पर साइड इफेक्ट्स देखे गए हैं।
भारत में बनी कोवैक्सीन वैक्सीन के साइड इफेक्टस पर एक स्टडी की गई है। इसमें कहा गया है कि वैक्सीन लगवाने वाले एक तिहाई लोगों में ‘एडवर्स इवेंट्स ऑफ स्पेशल इंट्रेस्ट’ यानी AESI पाया गया है। यह स्टडी रिपोर्ट स्प्रिंगर लिंक (SpringerLink) जर्नल में प्रकाशित हुई है।
BHU की स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) की संखा शुभ्रा चक्रवर्ती (Sankha Shubhra Chakrabarti) और उनकी टीम ने किया है। रिपोर्ट के मुताबिक वैक्सीन लगवाने लोगों में ज्यादातर एक साल साइड इफेक्ट देखे गए। इस स्टडी में 1024 लोगों को शामिल किया गया था। इसमें 635 किशोर और 291 युवा थे। इन सभी लोगों के वैक्सीन लगाने के एक साल बाद इनका फॉलोअप चेकअप किया गया। से टीका लगवाने के एक साल बाद तक फॉलोअफ चेकअप के लिए संपर्क किया गया. स्टडी में 304 किशोरों यानी करीब 48 फीसदी लोगों में ‘वायरल अपर रेस्पेरेट्री ट्रैक इंफेक्शन्स’ देखा गया। ऐसी स्थिति 124 यानी 42.6 युवाओं में भी देखने को मिला। वहीं 10.2 फीसदी लोगों में आम परेशानी देखने को मिली। 4.7 फीसदी लोगों में नसों से जुड़ी दिक्कतें पाई गईं। वहीं 5.8 फीसदी युवा लोगों में नसों और जोड़ों की दिक्कतें सामने आई हैं।
कोवैक्सीन के साइड इफेक्ट्स महिलाओं में भी दिखे
कोवैक्सीन का असर महिलाओं में भी देखने को मिला। 4.6 फीसदी महिलाओं में पीरियड से जुड़ी दिक्कतें आईं। 2.7 फीसदी में आंख से जुड़ी दिक्कतें सामने आईं। वहीं 0.6 फीसदी में हाइपोथारोइडिज्म पाया गया। वहीं सिर्फ 1 फीसदी लोगों में ज्यादा गंभीर साइड इफेक्ट्स देखे गए।