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इस वजह से मार्केट में नहीं आएगी बड़ी गिरावट, जानिए HUDCO, जिंदल स्टील और Zomato में क्या चल रहा है

कई एनालिस्ट्स हैं, जिन्हें खराब स्थिति में भी उम्मीद की किरण दिख रही है। इनमें कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के स्टेटेजिस्ट्स संजीव प्रसाद, अनिंद्या भौमिक और सुनीता बलदावा शामिल हैं। इनका मानना है कि मार्केट को किसी बड़े झटके की आशंका नहीं है। यह भी माना जा रहा है कि उन कंपनियों के स्टॉक्स में गिरावट आई है, जिनके बारे में पॉजिटिव चर्चा सुनी जा रही थी। केआईई के स्ट्रेटेजिस्ट्स का मानना है कि हालिया गिरावट को करेक्शन मानना ठीक नहीं होगा, क्योंकि वैल्यूएशंस अब भी ज्यादा है। बाजार में आम तौर पर यह माना जा रहा है कि अगर बीजेपी को कुछ कम सीटें मिलती हैं तो भी बाजार में बड़ी गिरावट नहीं आएगी। इसकी वजह यह है कि कई फंड निवेश के लिए मौके के इंतजार में बैठे हैं। गिरावट आने पर वे खरीदारी शुरू करेंगे, जिससे मार्केट को सपोर्ट मिल जाएगा।

हुडको का स्टॉक 14 मई को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। 2024 में यह 80 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुका है। बुल्स की दलील है कि एफोर्डेबल हाउसिंग (सस्ते घर) को लेकर आउटलुक पॉजिटिव है। HUDCO ने ज्यादातर पैसा सरकार के प्रोजेक्ट्स के लिए दिए हैं। इसलिए इसे पैसे वापस मिलने की पूरी संभावना है। Elara ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कंपनी करीब 600 करोड़ के डूबे कर्ज के प्रॉब्लम के समाधान की कोशिश कर रही है। उधर, बेयर्स की दलील है कि सरकार के प्रोजेक्ट्स में देर होती है। दूसरा, यह स्टॉक बहुत तेजी से चढ़ा है जिससे इसमें कंसॉलिडेशन दिख सकता है।

 

जिंदल स्टील एंड पावर (Jindal Steel & Power) के चौथी तिमाही के नतीजे अच्छे हैं। नेट प्रॉफिट करीब 100 फीसदी बढ़ा है। कर्ज भी थोड़ा बढ़ा है क्योंकि पूंजीगत खर्च अपने पीक पर है। ICICI Securities का मानना है कि डेट/एबिटा (Debt/Ebidta) 1.1 गुना है जो अच्छे लेवल पर है। उधर, बेयर्स का मानना है कि छोटी अवधि में वॉल्यूम ग्रोथ BF-II (Blast Furnace) के समय पर चालू होने पर निर्भर करेगी। प्रभुदाल लीलाधर ने अपनी रिपोर्ट में इसके चालू होने में कुछ महीनों की देर का अनुमान लगाया है।

कंपनी के चौथी तिमाही के नतीजे अनुमान के मुताबिक रहे। बुल्स का मानना है कि नई पीढ़ी के बच्चों में मोबाइल पर फूड ऑर्डर करना सामान्य बात हो गई है। फूड डिलीवरी मार्केट में दो कंपनियां रह गई हैं। ब्रोकरेज फर्म नुवामा का कहना है कि Zomato उम्मीद से पहले मुनाफे में आ सकती है। इसकी वजह यह है कि कंट्रिब्यूशन मार्जिन बढ़ रहा है। उधर, बेयर्स की दलील है कि जोमैटो के लिए कुछ रिस्क दिख रहे हैं। इनमें रेगुलेटरी रिस्क, स्विगी से कॉम्पिटशन, एवरेज ऑर्डर वैल्यू में गिरावट, रेस्टॉरेंट से प्रतियोगिता और Blinkit पर अनुमान से ज्यादा हो रहा खर्च शामिल हैं।

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