ऑनलाइन ऑर्डर लेकर खाना पहुंचाने वाली कंपनी जोमैटो ने सोमवार को कहा कि उसकी कंपनी जोमैटो पेमेंट प्राइवेट लिमिटेड (जेडपीपीएल) ने भारतीय रिजर्व बैंक से मिले एक ऑथराइजेशन सर्टिफिकेट को खुद से छोड़ने का फैसला किया है। यह सर्टिफिकेट ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने से जुड़ा है।
जनवरी में मिला था लाइसेंस
जोमैटो ने शेयर बाजार को बताया, ‘‘जोमैटो में, हम खुद को भुगतान क्षेत्र में काबिज मंचों के मुकाबले कोई उल्लेखनीय प्रतिस्पर्धात्मक लाभ हासिल करते हुए नहीं देखते हैं। इसलिए इस स्तर पर भुगतान क्षेत्र में हमें व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य व्यवसाय की उम्मीद नहीं है।’’ कंपनी को 24 जनवरी, 2024 से ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए केंद्रीय बैंक से लाइसेंस मिला था।
शानदार मुनाफा
वहीं जोमैटो लिमिटेड ने बीते वित्त वर्ष की मार्च में समाप्त चौथी तिमाही 175 करोड़ रुपये का एकीकृत नेट प्रॉफिट कमाया है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 188 करोड़ रुपये का एकीकृत नेट लॉस हुआ था। समीक्षाधीन अवधि में कंपनी की एकीकृत परिचालन आय 3,562 करोड़ रुपये रही। इससे एक साल पहले की इसी अवधि में यह आंकड़ा 2,056 करोड़ रुपये था।
मार्च, 2024 को समाप्त तिमाही में कंपनी का कुल खर्च 3,636 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले साल की इसी अवधि में 2,431 करोड़ रुपये था। पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में जोमैटो का एकीकृत नेट प्रॉफिट 351 करोड़ रुपये रहा, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में कंपनी को 971 करोड़ रुपये का एकीकृत नेट लॉस हुआ था। वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी की एकीकृत परिचालन आय 12,114 करोड़ रुपये रही।
ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू
जोमैटो के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) दीपिंदर गोयल ने शेयरधारकों को लिखे एक पत्र में कहा कि रेस्तरां उद्योग में नरमी के बावजूद फूड डिलिवरी जीओवी (ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू) की वृद्धि सालाना आधार पर 28 प्रतिशत बनी हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने ब्लिंकिट पर जो दांव लगाया था, वह बिल्कुल ठीक रहा।’’ कंपनी का ध्यान फूड डिलिवरी (जोमैटो), ब्लिंकिट, हाइपरप्योर (बी2बी) और गोइंग-आउट, जैसे चार कारोबारी भागों पर है।
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