UPL Rights Issue: एग्रोकेमिकल कंपनी यूपीएल ने सोमवार को खुलासा किया कि राइट्स इश्यू के जरिए 50 करोड़ डॉलर (4200 करोड़ रुपये) जुटाने के लिए यह जल्द ही ड्राफ्ट फाइल करेगी। हालांकि यह आंकड़ा अभी फाइनल नहीं है और इश्यू खुलने के कुछ समय पहले ही इस पर आखिरी फैसला होगा। इस इश्यू के लिए कंपनी को बोर्ड से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी आनंद वोरा के मुताबिक यह इश्यू चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दूसरी तिमाही के आखिरी या तीसरी तिमाही की शुरुआत में आ सकता है। उन्होंने ये बातें पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के नतीजे के ऐलान के बाद मीडिया ब्रीफिंग में कही।
UPL Rights Issue आने में कितना लगेगा समय?
यूपीएल के सीएफओ ने खुलासा किया कि कंपनी से सेबी ने सामान्य रास्ते से इश्यू लाने को कहा है। इसके तहत राइट इश्यू आने में 90 से 135 दिनों तक का समय लग सकता है। अब इस प्रक्रिया के तहत जल्द ही कंपनी ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल कर सकती है। राइट्स इश्यू के तहत कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों को नए शेयर ऑफर करती है। इस इश्यू के तहत शेयरहोल्डर्स को डिस्काउंट भाव पर शेयर मिलते हैं।
और क्या है यूपीएल की योजना?
आनंद का कहना है कि कंपनी ने कैपिसिटी बढ़ाने के साथ बीज और फसलों के प्रोटेक्शन से जुड़े कारोबार के लिए 21 करोड़ डॉलर (17 हजार-18 हजार करोड़ रुपये) के कैपिटल एक्सपेंडिचर की योजना बनाई है। उन्होंने बताया कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 के लिए 4 हजार करोड़ रुपये के खर्च की योजना तैयार की थी लेकिन सिर्फ 2 हजार करोड़ रुपये के करीब ही खर्च हो पाए। अब 21 करोड़ डॉलर के कैपेक्स प्लान की बात करें तो उन्होंने कहा कि इसमें से 8 करोड़ डॉलर तो टैंजिबल एसेट्स पर खर्च होंगे। बाकी पैसे इनटैंजिबल एसेट्स में खर्च होंगे जैसे कि प्रोडक्ट रजिस्ट्रेशन।